अभिनन्दन और वन्दन | Abhinandan Aur Vandan

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Abhinandan Aur Vandan by रामकृष्ण राव - Ramkrishna Rao

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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९ वी० के० कुष्ण मेनन - प & प्रतिरक्षा मंत्री नई दिल्‍ली मुझे श्रो के० पी० भदनागर जेसे गण्यमान्य उपशुलपति के साथ व्यक्तिगत सम्पर्क स्थापित फरने फा सोभाग्य नहीं मिला है। फिर भी, मे राष्ट्रनिर्माण तथा द्विषा के लिए फो गयी उनको सेवाप्रों से परिचित हैं । मुझे यह सोचकर प्रम्नप्तता होतो हैँ कि देदा तथा शिक्षा के लिए उनकी सेवाएँ पर्याप्त सात्रा मे उपलब्ध हूँ । में उनकी झविच्छिप्त सेवा-लग्न दीपं प्रायु की कामना करता हूं । ২১ हुमायू' कबीर य ॐ मंत्री यंज्ञानिक प्रनुसंधान तथा सास्कृतिक कार्य । भारत नई दिल्‍ली १ मुझे यह सुनकर प्रसन्नता हुई कि थरो के० पी० भटनागर को, ज्िक्षा के क्षेत्र में उनको दोधे तथा ग्रण्यमात्य सेवाओं क्रो प्रमिला मे, एक श्रमिनन्दन प्रंथ भेंद किया जा रहा है। में * उनमे श्रागरा विश्वविद्यालय के उपकुलपति के रूप में परिचित हूं तथा उसके उन्नयन के लिए उन्होंने जिस उत्साह तथा लगन से काम किया हैं उससे में प्रभावित हुआ! हूँ । देश को व्यावहारिक आवश्यकताओं को ध्यान मे रस्ते हए उन्दने शिक्षा को लाभान्वित क्या है तया शिक्षकों की स्थिति एवं स्तर को उठाने के लिए थे प्रयत्नशोल रहे है। सभो प्रकार के शेक्षणिक विकास का यहो एक मात्र साथन है दयोक्रि योग्य दिक्षको कै प्रमाव में दिला फौ न उप्रति हो सक्ती है, न सुधार। मुझे भाशा है कि देश तथा शिक्षा को सेवाएँ प्रपित करने के लिए भरी के० पो० भटनागर दीधंजीदी होंगे । ২১ लाल बहादुर ज्ञास्त्री 1 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री भारतः नई বিজলী, को कालका प्रसाद जो का दिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है। चह एफ ক্ষত ब्यक्ति है जिन्होंने जहाँ भो श्रोर जिस रुप में भो काम किया भ्रपना विशेष प्रभाव डासा 1 उनकी सेवाएँ सदा स्मरण की जाँयगो । उनके दोर्घायु होने को शुभ कामना सहित । 5




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