आदिनाथ - चरित्र | Adinath Charitra
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
425
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ष्ट
ध ७४2४: 08
^ ^ ॥ ८ ध
© स्रादिनाथ चरित्र €
न्द ३७7 इस
& टः
सकलाहंँतप्रतिष्ठानमधिष्ठानं शिव शियः ।
भूर्युवः स्वस्त्र्याशानमा्हैन्त्यं प्रणिदष्महे ॥९॥
सारे तीर्दूःेकी श्रनिष्ठा-मदिमाफे कारण, मोक्षे माधार,
स्वरम, मत्यं जीर पाताल--हन तीनों खोको के स्वामी “अरिदन्त.
पद” का हम ध्यान करते ह ।
घुलासा--जो “श्ररिदन्त-पट ममस्त तीर्थङ्करो की प्रतिष्टा का कारण
$ जो श्ररिन्त मोन या परमपद का श्याश्रय रै, जो स्वर्गलोक, सत्यलोक
कर पाताल सोक--दन तीनों छोकों का स्वामी है, हम उसी '्यरिहन्त-पद
का ध्यान करने है , श्र्ान् हम ध्रनन्त क्षानादिक अन्दरुनी विशूति ओर
ললইলহযা शआयाटि बाहरो विभूति का ध्यान करते हैं।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...