दीवान-ए-ग़ालिब | Deevan A Galib
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
154
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ले गये खाक में हम दाये - तमन्नाए - লিহালং
तू हो और आप वत्तद - र्यः गुलिस्तां होना
इ्रते - पारएए - दिल,' जसम - तमन्ना জালা
लज़्जुते - रेशें - जियर,' कृ - नमक. होना
की मिरे कृत्ल के वाद उसने जफा से तोौवा
हाय. उत्त जूँद - पशेमा का पमां होना
हेफ उतत चार गिरह कपडे की किस्मत शगालिवः
जितकी किस्मत में हो आशिक का गरेवां होना
শ मुर [ ঙ্ সু সু
दोस्त ग्रमख्वारी मेँ मेरी सई फरमायेंगे. क्या ?
ह्म के भरने तलक नाखुन वन वढ़ आयेंगे क्या ?
वे - निया हद् ते गुजरी, बन््दा-परवर कर तलक
हम कहेंगे हाले दिल, श्र आप फरमायेगे, “स्या 2
हजरते नासह गर आयें, दीकओओ दिल ररौ राह
कोई मुककी यह तो समकादों कि समकायेंगे क्या?
आज वां तेगरों- कफृन वॉघे हुए जाता हूं में
उञ्र मेरे कृत्ल करने में वो अब लायेंगे कया ?
गर किया नातह नै हमको कृद, चच्छा ! युं सही
यह चुूने स्कृ के छन्दा छुट जायेंगे कया ?
खाना - ज़ादे - जुल्फू हं, जंजीर से भागेगे व्यो ?
हैं गिर्तारे वफ़ा जिन्दा से षरवरायेगे क्या?
8 उल्लास की श्रमिलापा का दागू, २. सौ रंग, ३. दिल के डकड़ें का
आनन्द ४. इच्छा का बाव, ५ जियर के धाव का आनन्द; ६- नेमकदान में
्व॑ना, ७. शीघ्र ज्ञज्जित होने बाला, ७. भफमोप्त, ६, यल, १०. उदासीनता,
৭ किक. সস
उपचा, १६. चुल्फ़ का कदी, १२. जेल 1
१७
User Reviews
No Reviews | Add Yours...