वैदिक धर्म वर्ष २४ अंक ६ | Vaidika Dharma (varshh-24 Ank-6)

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Vaidika Dharma (varshh-24 Ank-6) by श्रीपाद दामोदर सातवळेकर - Shripad Damodar Satwalekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शयषट १८९५ | दव ६ मन्वन्तर े वषत २७ महानुगों डी वषेसतख्य। मिला दें, तो करीब १,९७,००,००,००० बर्ष होते हैं । अब देखना चाहिये कि, आधुनिक वैज्ञानिकों की रायमें प्त्री को भस्तिष्व मे भावे कितने दे बीहगये हैं। « ০4৩ ৮9০৪৪ 7500 17 লামন্দ পক্ষ মী रेखक शिकत है-- 16 ०८8४ छण 10056 909৪ 11০৮9 एष्टा 16101615 0966:001760 89. 10009 10 81%01600% 806. 9006 766068১0118 299 20 801 0856 010 &906 17000009000 ৮০815. इस से ज्ञात होता है कि, क्यों की राय में पएृथ्वीको उत्पन्न हुए कमस्ले कम १७० करोड वर्ष और भषिक से आधिक ३ भव्ज वर्ष बीत गये होंगे, लेकिन कुछ अन्य विज्ञानवेत्ता दूसरे ही प्रमाणोंके भाधारपर यूं बतछाते हैं कि, पृथ्वीका जीवनकारर्पौच करोड वर्षो से ज्यादह न , होगा । परस्तु ध्यानसें रखनेयोग्य वात है छि, हमारे वैदिक विज्ञानवेत्ता निश्चित रूप से कहते हैं कि, पथ्वीके जन्म के पश्चात्‌ 1,९७,००,५००,००० वष बीत गये हैं, क्योंकि उनकी राय में इतने वर्षा के पूर्व पृथ्वी, मंगल, बुध, गुरु, शनि, झुक्र आदि नौ अह एक कतार जा गये ये । अर्थाव्‌ ही दन सीं का आकषेण सूप शर ही समय हुआ, इसकिए 'छिर से सूर्य में হত তত ভব, जिस से सृष्टि का ४ नया आविभोव हुआ | भास्करा- चार्यजीके अन्थ में दर्शाये ढंगसे दर कहपसें यह प्रछय एक बार हुआ करता हे, जब कि, पृथ्वी सभी भोरसे १ योजन ड्यादह, बडी होती है; सतछब यह कि, पृथ्वी बहुत पुरानी है, परन्तु भषछपर पाये जानेवाला १० मी ऊँचाईका स्तर 91९७,००,००,००० वर्ष पुराना है, सच झूष्ठ कोन बताये, हाँ इतनी एक बात बडी आाश्रयेकारक है कि, १,७०,००,००,००० बवे मोर १,९७,००,००,००० वर्ष के मध्य अन्तर नगण्यसा दे | प्रद्येक बार एक एक अंक के पश्चात्‌ पाँच पाँच या दस दस झूल्य लिखने की भप्रेक्षा भधिक घुगम रीतिसे उन्हीं शुन्‍्योंकों इम दिखा सकते हैं | उदाहरण के क्विए ६०० + १०४ याने शुक संक के पश्चात्‌ जितने चार दुन्य किखते हो, उख छा सूचक भक १० के ऊपर १४ 9 $ १०५०० ॐ १५५ बेंदकालोन उथोतिमेगित । ङिखगा । उक्ती परकर, ६००,००,००५ = ३2६ १०५ भौर उपर बतयो इदं संख्या १,५०,००,००,००७ इसी भाँति १७५८१०८ बतायौ जा सकती है क्षथव्रा ब्रह्मदेव के अह्ो- सात्रके वर्षों की संख्या ८६४,००,००,००० को ८६४ ৯ ३०० হাঁ হুয়া सकते है । इषौ प्रणारी से ब्रह्मदेव का एक वधै = ३०८१०१२ कगमग वर्ष होते हैं, इसलिये ब्रह्मदेव के ५० दषं = १५८१०१० वर्ष होते हैं । अच्छा, योरपीय वैज्ञानिक इस विश्व को ভব ভু कितने वर्ष बीत गये हों, हस बारेमें कौनसी धारणा रखते है, सो भी देख लीनिये- 80000 2875 06486100010) নামন্ধ সন্ম में लेखक का कथन है कि-- 16 586006ণ স€]] 99901151160 ६1790 ६18 ট1/06-50816 भ धल 02015618610 06৮৮96] & 97100. 01009 07091 1018 ৪0 % 97109 01 0009 0৭: 1011 5695. एफ 08৪ ङग भ्ल দ61088 ४९४101८ 9 ६०९८ प्र8 8120165 प९पा१९.०.) 2 28 (भूनषत एक्‌ व९०३ 60190 00৩ (000৪ 2) 003 ১৮৯ ০০ 0086 11ए6 शा 08885 1106 9৪৮০৭ ০৫ 8৯901১ 79৮0৪ णत्‌ 606 ০৮১০: 1981073 7৮3 ০০ ১০ ০ € ০০9০1) 00৮৩৩) 98809 88 98-- * [00602 0 05 [)रफेकीए 9581 ६ 10062 001৮ ৮০ ঠল (001501562৫৪, ৪৮7, 80209 10000 00000৫ ৪৪ १0:490 624. 2? सृष्टि की उपपत्ति के बारे में दो विभिन्न घारणाएँ प्रचलित हैं, जिन में एक कंसपना के अनुसार सृष्टि का जीवन ২০৯ আর্থ माना जाता है, तो दूसरी रायके जनुसार विश्व की भायु १०” वर्ष निश्चित की जाती है। किप्ती अन्य पुस्तक में यहाँ तक लिखा है कि, सृष्टि की उत्पत्ति हुए भधिक से अधिक २१९३० वर्ष बीत गये हों, वो भी असम्भव नहीं | जान पढ़ता है कि, हमारे यहाँ के ज्योतिर्षिदोंने कुछ इसी तरह के सूवसिद्धान्व परसे विश्व की आयु निर्धारित करने की चेश की हो।




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