सम्पूर्ण गृह विज्ञान | Sampurn Greh Vigyan

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Sampurn Greh Vigyan by सुदर्शन भाटिया - Sudarshan Bhatia

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नवजात शिशु में रोगों का प्रतिरोध करने की क्षमता बेहद कम होती है । अतः मां-बाप सतर्क रहें। 0 यदि बच्चे को ठीक से नहला-धुलाकर, गन्दगी से दूर रखकर, उसे साफ-सुथरा रखा जाए तो संक्रमण की शिकायत नहीं हो सकती । बच्चे का नाक-मुँह साफ रखना, उसे मिट्टी में न खेलने देना, उसके नाखून साफ रखना, नाखून काटते रहना जरूरी है। 0 बच्चे का तौलिया साफ हो तथा इसे दूसरे लोग प्रयोग में न लाएँ । (1 बच्चे का साबुन, कंघा भी अलग हैं । 0 जच्चा-बच्चा रक्षा कार्ड बनवाकर, बच्चे को रोगमुक्त रखने के त्िए सरकार की टीकाकरण नीति का अवश्य पालन करें । इससे वह नीरेग रखा जा सकता है। (3 यदि कभी, किसी कारण से कोई टीका छूट गया है, तो इसे डॉक्टर रे मत छिपाएँ। उसकी सलाह के अनुसार चलें । 0 सरकार ने रोग प्रतिरोधक टीकों की घोषणा कर रखी है। इसी के अनुसार चलें । इसका पालन करें । करण नई-नई माताओं की सूचना के लिए टीकाकरण नीति कूछ इस प्रकार है, जो के लिए आवश्यक है- 1. बी.सी.जी. का टीका --.. एक महीने के अन्दर 9. डी.पी.टी का पहला टीका. --. डेढ़ महीने का होने पर 3. पोलियो की पहली खुराक. - बच्चे की डेढ़ महीने की उम्र में 4 डी.पी.टी का दूसरा टीका. -. ढाई महीने की उम्र में 5. पोलियो की दूसरी खुराक. -. ढाई महीने की उम्र में 6 डी.पी.टी. का तीसरा टीका -. साढ़े तीन महीने की उम्र में 7 पोलियो की तीसरी खुराक -. साढ़े तीन महीने की उम्र में 8. ख़सरे का टीका नौ महीने की उम्र में 9 डी.पी.टी का बूस्टर टीका. - डेढ़ वर्ष से दो वर्ष की आयु मे पोलियो की बूस्टर खुराक - डेढ़वर्ष से दो वर्ष की आयु मे। आजकल सरकार इन टीकों के नियमित लगाने पर जोर देती है। सरकारी तालों में बच्चे के पैदा होने से ही कार्ड बना दिया जाता है। जच्चा को तथा अभिभावकों को इस विषय में समझा दिया जाता है कार्ड पर भी इसे त किया जाता है. ऊअनेक स्थानों पर विशेषकर परिवार हे




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