विज्ञान | Vigyan

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Vigyan by प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव - Premchandra Srivastav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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14 | विज्ञान अक्टूबर 1992 हीरे सदृश संरचना वाली तनु फिल्मों की संरचनान्मक विशिष्टतायें तनु फिल्मों के गुणात्मक अध्ययन के समय पारदर्शिता को पहला स्थान दिया जाता रहा है। विशुद्ध हीरा सबसे अधिक पा रदर्शी पदार्थ है। इसकी पारदर्शिता की सीमा सौ नैनोमीटर से एक हजार माइक्रोमीटर के तरंगरदेध्य॑ तक की है! एक उत्तम हीरे की संरचना वाली तनु फिल्म के लिए जिसका अवशोषण एक प्रतिशत से भी कम है, उसके लिए यह तरंगदैध्यं की सीमा दो माइक्रोमीटर से पस्रह माइक्रोमीटर रिकार्ड की गई है। दृश्य वर्णक्रम में यह फिल्में भूरी दिखाई देती है ; जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रकाश का अवशोषण नीले रंग की तरफ बढ़ने पर होता है । वर्णक्रम के विभिन्‍त अवयबों में उतत फिल्म का अध्ययन करते पर यह पाया गया कि ভ: জী नैनोमीटर के तरंगदैध्य के पास रिकार्ड किये गये आरेख में विसंगति पाई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इन फिल्मों की संरचना अमणिभ है और हीरे के साथ अन्य कार्बनिक बच्चो का फिल्मों में उपस्थित होना दर्शाता है । हीरे की जटिल संरचना के कारण तथू फिल्म की आन्तरिक संरचना कार्बत की भाँति होती है, जिससे संरचनात्मक अध्ययन और भी जटिल हो जाता हैं। उक्त फिल्मों की पारदर्शिता के कारणों का संरचना की दृष्टि से समझना कठिन तो लगता है, परन्तु इससे कूल फिल्‍म की आन्तरिक स्थिति जैसे बन्धो की संख्या तथा भ्रकृति दोनों का खुला सा ब्यौरा प्राप्त हो जाता है। भायन की सही ऊर्जा तरंग हेतु आवश्यक तापमान तथा ऊर्जा का होना एवं फिल्‍म रोपण के दौरान हाइड्रोजन की सही मात्रा में रासायनिक वाष्प का पाया जाना फिल्म की संरचना की सरल विवेचना कै लिये प्रमुख एवं आवश्यक कारक है । इसके अतिरिक्त रीपण पद्धति के द्वारा अशुद्धि घतत्व भी मापा जा सकता है। इस मापन से अन्य गैसों तथा अन्य अशुद्धियों के बारे में भी पता चलता है । द हीरे सदृश तनू फिल्म के अपवर्तनांक का परिसर 1.8 से 2.3 तक रिकार्ड किया गया है जो कि विशुद्ध हीरे के अपबर्तेनांक जो कि 2.4 के काफी करीब है। इस अपवर्तनांक परिसर को हीरे के अपवर्तेनांक तक ठीक केन्द्रित करने प्रयत्न किये जा रहे है। उक्त फिल्मों की उच्च प्रकाशीय उपयोगिता की नई जानकारी जरमेनियम तथा सिलिकत की सतहों पर आरोपित करने पर ज्ञात हुई है । इन उच्च अपवर्तनांकों वाले पदार्थों से गुजरने वाला प्रकाश करीब-करीब पूर्ण परावतित होता है। प्रकाश के अभियांत्रिक अनुप्रयोगों में अवरक्त दपैणों व इमेजसं पर धूल और मिट्टी से होने वाले घर्षण के कारण सतहों की उच्च कोडि पर प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए विस्तृत तरंग- दैध्यँ परिसर के प्रयोग में लाये जा रहें साधारण अपरावतैनीय तनु फिल्म से आरोपित जरमेनियम की कार्य क्षमता काफी घट जाती ह तथा धूल-मिट्टी वालि वातावरण बहुत कम्म प्रभावी होती है । सतत शोध प्रयत्नो से यहं पाया गया है कि हीरे सदृश तनु फिल्म से उक्त अवरक्त इमेजर साधारण तनु फिल्म से आरोपित इमेजर की तुलना में दल गुना अधिक प्रभावशाली सिद्ध हुआ है । इसलिये अव रक्षा उपकरणों मे हीरे सदुश तनू फिल्मों के प्रयोग पर अधिक बल दिया जाने लगा है ।




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