भारतीय दर्शनों में आत्मवादी विचारधारा का विकास | Bhartiya Darshano Mein Aatmavadi Vichardhara Ka Vikas

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डॉ गदाधर त्रिपाठी - Dr Gadadhar Tripathi

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श्रीमती प्रभा यादव - Shrimati Prabha Yadav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इसी पुकार से अन्य एक स्थान पर य भाव व्यक्त क्या गया ॐ देवता बताया गया ‡12 इसी तर 31 चू ७, 88 देवता अभक & ॥ দত देवता অন শলীঘন অভযা ঈ তরী উ| পীঘজাম অলী, অডযা ভী জ্বলা ड ¶ देवता तेतीस दी पर्‌ अन्य कठ सक्त रसे भी न दार तीन सौ उन्तात्तीस बताई गई 3 न्क गइ | 9 হান अवप्रय ढो सम्बोध भ्या गया छ सम्म १५ है पति अपेते परितो सति कति पज ० प विण दष. কান টার নান कि रभे [টং হানাযাক আটা 11/1/5/1 0) 1696




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