मूंडै बोले रेतडली | Moonde Bole Retarli

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Moonde Bole Retarli by सरदार अली परिहार - Sardar Ali Parihar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मूंडे लाकां पड़ती दीसे, आंसू नाखें गावड़ली। तावड़िये में भटका खाती, जीव छोड दे भेंसड़ली | 631 भूखी तीसी धूछ भरोड़ी, काम करे दिन रातड़ली। टाबरिया नै धरां छोड़ दा, रोतां डुसका हिंचकड़ली । 641 टाबरिया गरक्ावे! भूखा, मांस चाटले आंतड़ली | रोता-रोतां हिचक्यां बंधगी, आंसू सूक्या आंखड़ली | 651 गोद्यां में ठाबरिया बिलखें, मावड़ बिलखे रोटड़ली । बबल गुम-सुम बण उभौ है, ना निसेर ह बोलडलौ । 66 । फाटी कुंडती हाथ कटोरौ, लीरम-ली राः चूदंडली 1 सुध-बुध भूली घर-घर मगि, हाथ फैलाय मरवणली । 671 पेट भूख है लूवां चाल, आंष्यां फिरभी रातड़ली । तनड़ो सूक्यों मनड़ो बुझियौ, हाडथां चिपगी चामड़ली । 68 । कुटम-कबीलौ मूंडो मोड़, भगदड़ मचजा गांवड़ली । पकड़ काछ्जों सांसर* ऊभा, हेला देवे मौतड़ली | 69। भूखा मरता जाजै भाजै, टकर खावै भीतड़लो 1 तिरवाना आस्यां म आवै चक्कर लावे साथङ्ली । 70 । घर मे सुत्या टाबर छोडचा, रात बिरात्तां गोरडली । भूखां मरती कांकड़” छोडे, बाबल साथे मावड़ली | 71 | आंप-बांण ने छोड्चां छिटक्यां, मंगतो मांगे रोटड़ली । भूखां मरतो दिनड़ो काटे, रोबे आखी रातड़ली | 721 हाथ पगां सूं दिखें अडोछो5५, काजछ सूनी आंखड़ ली । मसूडा रा बाढा बहवे, ड्सक॑ रोदे कॉमणली।73। 1. हृदय विद्रक रोना 2. चुप-चाप 3. तार-तार 4. जानवर 5. गांव की अन्तिम सीमा 6. श्ुंगार-आभूषण विहीन मूंडे बोले रेतड़ली 15




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