संक्षिप्त जैन इतिहास | Samkshipta Jain Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.93 MB
कुल पष्ठ :
144
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about कामताप्रसाद जैन - Kamtaprasad Jain
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रस्तावना |.
नस
जनधर्म अथवा जेननातिकी ऐतिहासिक प्राचीनताकि विष-
? यमें यदि कोई निश्चयात्मक बात कही ना
बी सक्ती है तो वह यही होगी कि जितनी
, ही ऐतिहासिकता भारतवर्षके ऐतिहासिक
.. काठकी सिद्ध होती जायगी उतनी ही जेनधमेकी प्रादीनता प्रगट
होगी, कारण कि भारतके प्र्वीनकालमें जैनधरमेके अस्तित्वकी प्रधा-
,. नता रही है । वर्तेमानमें जिस प्रकार भारतवरषका ऐतिहासिक काल
' ईसासे पूर्व ६००-९७०० वर्षसे प्रारम्भ होता है उसी प्रकार जैन
'. इतिहासकी कारुगणना. समझना चाहिए । यद्यपि एक टष्टिसे जय
धमकी ऐतिहासिक प्रमाणता इंसासे पूर्व /०० वा ९०० वर्ष तक
बढ़ जाती है क्योंकि भाघुनिक खोजने नेनियोंके अंतिम
भगवान महावीरके पूर्वागामी २३ वें तीथेड्टर श्री भगवान पाशच-
नाथको ऐतिहासिक व्यक्ति करार दिया है; नो भगवान महांवी-
'रसे २५० वर्ष पहिले हुए थे । इसीढिए आधुनिक ढष्ट्सि एक
विशेष विश्वमनीय जेन इतिहास इसासे ९, वीं छाताब्दिसे
प्रारम्भ-हुआ कहा नातक्ता है |
उधर भगवान पाश्चनाथके पूर्वागामी तीथेड्टर श्री नेमिना-
थी अजुनके मित्र और गीताके श्रीरुण्णके समकाढीन थे ! और
बहू भगवान पार्शनाथसे ८४.०० ० वर्ष पहिले हुए कहे नाते हैं ।
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