भगवदगीता यथारूप - संस्करण -2 | Bhagawadgeeta Yathaswarup- Sanskaran-ii

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Bhagawadgeeta Yathaswarup-  Sanskaran-ii by ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद - A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupadaडॉ शिवगोपाल मिश्र - Dr. Shiv Gopal Mishra

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

Author Image Avatar

ए० सी० भक्तिवेदांत - A. C. Bhaktivedant

अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (1 सितम्बर 1896 – 14 नवम्बर 1977) जिन्हें स्वामी श्रील भक्तिवेदांत प्रभुपाद के नाम से भी जाना जाता है,सनातन हिन्दू धर्म के एक प्रसिद्ध गौडीय वैष्णव गुरु तथा धर्मप्रचारक थे। आज संपूर्ण विश्व की हिन्दु धर्म भगवान श्री कृष्ण और श्रीमदभगवतगीता में जो आस्था है आज समस्त विश्व के करोडों लोग जो सनातन धर्म के अनुयायी बने हैं उसका श्रेय जाता है अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद को, इन्होंने वेदान्त कृष्ण-भक्ति और इससे संबंधित क्षेत्रों पर शुद्ध कृष्ण भक्ति के प्रवर्तक श्री ब्रह्म-मध्व-गौड़ीय संप्रदाय के पूर्वाचार्यों की टीकाओं के प्रचार प्रसार और कृष्णभावन

Read More About A. C. Bhaktivedant

डॉ शिवगोपाल मिश्र - Dr. Shiv Gopal Mishra

No Information available about डॉ शिवगोपाल मिश्र - Dr. Shiv Gopal Mishra

Add Infomation AboutDr. Shiv Gopal Mishra




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now