फोर्ट विलियम कॉलेज | Fort Villium College
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11.63 MB
कुल पष्ठ :
242
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)फ़ाटे विख्धियम का लेज
ही प्रार्थना की. सरकार ने उनकी प्रार्थना मजूर कर ली १२ नवबर *७६८ को उन्होंने
लिखिस्ट” की निश्चित प्रतिणे मेज दा ।* शिलक्राइस्ट की देखादेखी फारसी मापा के
गाता फ्रांसिस ग्लैइविम दे मो २४ झक्दूनर, १७६८ के प्र में श्रपमी “्ॉरिएंड्ल सिसेजनी'
क लिए आर्थिक सददायता साँगी | सोलह रुपया फ़ी प्रति के हिसाब से सरकार ने 'सिंमेलेनी'
की दो सो प्रतियाँ ख़रीदी5 और उसी साल उन्हें बत्तीस सौ सपए, देने की स्वीकृति दी 5४
२० मार्च, १७६४ को उन्होंने अपनी झति की दो सौ प्रतियाँ सरकार के पास मेज दीं । *
मई, १७६८ मे वेकेज्ली कलकत्ता पहुंच गए थे। उन्दोंने जॉम बौर्थविक गिल-
क्राइस्ट के परिश्रम की सराइना की झ्ौर कर्मचारियों को शिल्ा देने की श्रपनी झायोजना
के प्रकाश से उनके शरध्ययन से पूरा लाभ उठाना चाहा । उस समय
चकज़वी, कंपनी के बंगाल मे नियुक्त किए गए सिविल सबिस के प्रत्येक कर्मचारी को
कर्तचारी और पिन अपन वेतन के तिरि 'े तीस रपए मालिक एक सुंशी के बेतम-स्वरूप
क्राइरड के प्रयास श्रोर सिलते थे | इस चेतन के देते का उद्देश्य यह था कि कर्मचारी देशी
मापाश्ो, विशेष रूप से फ़ारदी मापा, का श्ष्यवन करें । परंतु शिक्षा
का माध्यम देखी भाषा या फ़ारसी मापा इन दोनों में से एक ही हो सकती थी । सुंशी लोग
ऑेगरेज़ी नहीं जानते थे, श्रौर कर्मचारी देशी या. फ्रारसी माषा से शनमिश थे । इसलिए,
मुशियों के लिए. श्रंगरेज़ी का था कर्मचारियों का देशी था फ़ारसी भाषा में से एक का पूर्ण
ज्ञान होना झ्ावश्यक था ! वेलेज़ली को सुशियों से पढ़ने बाली यह व्यवस्था निर्थक जैंची ।
इसी समय गिलकाइस्ट ने उनके सामने कर्मचारियों ( जूनियर राइटर्स ) को, मुंशियों से
फ़ारही भाषा का ज्ञान प्रात करने से पहल, प्रति दिन हिद्स्तानी माषा सिखाने के साथ-
साथ फ़ारपी ने प्राथमिक सिद्धांत भी सिखाले का प्रस्ताव रदखा । बलेज़ली को यह प्रस्ताव
श्रच्छा लगा शरीर उन्होंने कर्मचारियों को ब्रलग-श्लग तरीके से मुशियों का वेतन देखे
की प्रथा बंद कर दो | इसके स्थान पर उन्होंने यह व्यवस्था कर दी कि भविष्य में बह
कर्मचारियों के मारतागमन के पहले बारदद महीने तक गिलन्राइस्ट को दिया जाया करे ।
इसके बदले में गिलक्राइस्ट, रविवार को छोड़ कर, प्रतिदिन कर्मचारियों को हिंदस्तानी
और फ्रारसी मापादों की शिक्षा दिया करते थे । १ जनवरी, १७६६ से इस श्रायोजना को
*क्रो० दि०, ? अक्यूबर, १७६८, हो०, पृ, झो० सी० में० १०१, प्रु० रे ७३
२३७, दूं ० रे डि०
रन बिन, ३६ नवंबर, १७४८, हो०, प०, ओर सी० न देखे, पूल वेद
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प्लान विष, ३३ दिसंबर १०१८, होन, प०, झो० सी० न ० डेप छुण कहर
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