श्रमणोपासक | Shramanopasak

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : श्रमणोपासक  - Shramanopasak

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about उदय नागोरी - Uday Nagori

Add Infomation AboutUday Nagori

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
काता बोहरा छन्दराज पारदर्शी गौतम पारख भैरूलाल जैन कालूराम नाहर कमलच॑द लुनिया डा सागरमल जैन दिनेश ललवानी केशरीचंद सेठिया भूपराज जैन जानकीनारायण श्रीमाली बनिता/विकल जैन उदय नागारी इन्द्रा गुलगुलिया इन्दरचन्द वैद भगवन्तराव गाजर जसराज चीपडा डा महेन्द्र भानावत मदनलाल जैन मुरारीलाल तिवारी मातीलाल गौड़ प्रो सतीश मेहता सुमित्रा मेहता डा कविता मेहता चै श्रद्धा बेद प्रो एच एस बर्डिया डा सुरेन्द्रसिंह पाखरना शैलेष गुणघर डा धर्मयन्द जैन चीरेन्द्रसिंह लोदा डा मधु एस উল किरण पितलिया डा अनिलकुमार जैन रतनलाल व्यास सज्जननिह मेता सौमाग्यमल कोरिया 46 48 49 51 52 53 54 55 56 59 62 64 65 67 68 69 70 71 72 76 77 79 80 81 82 84 86 87 89 91 92 93 94 95५ 97 महायशस्वी समता विभूति का अनूढा कार्य उदयपुर में गूंजी जय जयकार है संस्मरण एवं सुखद अनुभूति ओ जिनशासन के दिव्य सितारे समता की प्रतिमूर्ति दृष्टि सिद्धान्त रूप थी दिव्य समता दर्शन प्रवक्ता नामाक्षरी काब्य अछूतों के मसीहा साकार दिव्य गौरव विराट चर्मपाल प्रतिबोधक नानेश गुणाप्टक अनन्य आत्मसाधना के साकार स्वरूप तेरे पदरज की सेव चारित्र चूड़ामणि महाप्रयाण आचार्यों वी श्रृंखला वी एक कड़ी ना ना करते रहे निस्पृषी आरध्य देव शतान्दी की महान्‌ विभुति समीक्षण ध्यान बीसवीं शताब्दी के महान्‌ आचार्य प्रज्ञा पुरुष को प्रणाम समता संयम, समीक्षण साथना के कल्पवृक्ष मानवे कल्याण करे गए युगवृष्टा यागी वैज्ञानिक युग के एक बड़े वैज्ञानिक ननिश ने उपदेश दिया समतता दर्शन कैः नायक जीवन जैसा मैने देखा उनके आदर्श आज भी जिंदा हैं मिल जाएं नानेश गुरू एक बहुआयामा छात्तिकारी कुण्डलिया नाना गुणों के पुंज समता का सूरज अन्त हा गया




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now