वार्षिक रिपोर्ट १९७४-७५ | Varshik Report 1974-75
श्रेणी : शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
113
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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साल में दो बार होती है। इनकी कार्यवाहियों की रिपॉर्ट भी कार्यक्रम सलाहकार
समिति के सम्मुख रखी जाती है ।
कार्यकारी समिति कभी-कभी अन्य विविध स्थायी समितियों की नियुक्ति भी
कर सकती है। उदाहरण के लिए एक भवन एवं निर्माण समिति है, जो कार्यकारी
समिति को इमारतें बताने जैसे कामों के बारे में सलाह देती है ।
स्थायी समितियाँ प्रशासकीय और वित्तीय मामलों को देखती हैं और अनु-
सन्धान, प्रशिक्षण तथा विस्तार सेवाओं के बारे में शैक्षणिक निर्णय लेने के लिए
परिषद् के पास कार्यक्रम सलाहकार सप्तिति है। इसके अध्यक्ष रा० शौ० अ० प्र प०
के निदेशक महोदय होते हैं । कार्यक्रम सलाहकार समिति में रा० श० अ० प्र० प०
के निदेशक के अलावा निम्नलिखित सदस्य और होते हैं--परिषद् के सह निदेशक,
विश्वविद्यालयों के पांच प्रोफेसर, राज्य शिक्षा संस्थानों के पाँच निदेशक, राष्ट्रीय
दिक्षा संस्थान ओर राष्ट्रीय शेक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद् के हर विभाग
से दो-दो प्रतिनिधि। यह समिति वर्ष में दो बठके करती है । परिषद् के विभिन्न
कार्यक्रमों की प्राथमिकता के बारे में यही तय करती है और उन मार्गदर्शी रेखाओं
को बताती है जिन पर परिषद् को कार्य करना है ।
रोक्षिकं अनुसन्धान ओर नवाचार सपित्ति डीन (अनुसंधान) की अध्यक्षता
: में निश्चित अनुसन्धान कार्यक्रम पर विचार कर उसे स्वीकृत करती है । रा० হী
अ० प्र० प० के अंगीमूतों के अनुसंधान कार्यक्रमों के अलावा यह बाहर के अनुसंघान
को भी जिसको कि परिषद् की सहायता मिली हुई है, नियुक्त करती है, शुरू कराती
है और स्वीकृत करती है । इस समिति में विशेषज्ञ तो होते ही हैं, राष्ट्रीय परिषद् के
विभिन्न अंग्रीभूतों के काफी प्रतिनिधि भी होते हैं ।
शैक्षणिक समिति डीन (शैक्षणिक्र) की भ्रध्यक्षता में शैक्षणिक -विभागों भ्रौर
एककों के विकासात्मक भ्रौर प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विचार करती है और उनमें
समन्वय स्थापित करती हैं। इस समिति के सदस्य सभी प्रोफेसर, विभागों के अध्यक्ष
और हर शैक्षणिक विभाग या एकक के एक-एक चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं ।
समन्वय समिति, जिप्तके अध्यक्ष डीन (समन्वय) होते हैं, सेवा और उत्पा-
दत्त विभागों, और क्षेत्रीय सलाहकारों के सभी अनुसंघानेतर कार्यक्रमों पर विचार
करती है और उनमें समन्वय बनाए रखती है । इस समिति में प्रोफेसर व ऊँची श्रेणी
के सभी कर्मचारी तथा सेवा और उत्पादन विभागों से एक-एक चुने हुए प्रतिनिधि
होते हैं ।
क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालयों कै लिए भी एक समन्वय समिति है। इसके
प्रमुख भी डीन (हीक्षणिक) हैं। इसकी स्थापना इसलिए हुई है कि समीक्षवीय
महाविद्यालयों के मध्य और क्षे ० शि० म० तथा परिषद् के अन्य विभागों के मध्य
सहयोग और समन्वय बना रह ।
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