समय और हम | Samay Aur Hum

Samay Aur Hum by जैनेन्द्र कुमार - Jainendra Kumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बन ६ न २७२ सोचने की फुरसत नहीं २७३ शानदार यह वक्‍त है २७३ कांग्रेस को जगाया नहीं जा सकता २७४ नेहरू की कांग्रेस २७४ विरोधी दल २७५ सब राज्य चाहते हैं २७५ कम्युनिस्ट दल २७६ हिन्दू सांस्कृतिक स्फति २७६ भानमती का कुनबा २७६ प्रकाश राजनीति में नहीं होता २७६ भारतीय अध्यात्म और कम्युनिज्म २७७ राजनीतिक भविष्य २७७ नेहरू रोमेण्टिक २७८ डिमोक्रेटिक नेता एरिस्टोक्रेटिक व्यक्ति २७८ गांधी और नेहरू के रास्ते २७९ व्यक्तिगत बलाबल २७९ गांधी के नाम की पूँजी २७९ राइट और लेफ्ट २८० विचारों और संकल्पों की गुलझट २८१ दक्षिण और वाम अन्दर से एक २८२ कम्युनिस्ट दल अन्य दलों से विशिष्ट नहीं २८२ कम्युनिज्म एक राज्यवाद २८२ हित्र कार्यक्रम मान- वीय नहीं हो सकता २८३ भारत का कम्युनिज्म २८३ भारतीय अहिसक साम्यवाद २८४ कम्युनिस्ट-पार्टी में दरार २८४ दन्द्व अनिवार्य २८५ स्थानीय संस्करण २८५ कम्युनिस्टों की चीन के प्रति नीति २८६ कम्यु- निस्ट दल की विफलता के कारण २८६ मूल कारण गाघी २८६ नेहरू और कम्युनिज्म २८७ भारत की अन्तःप्रकृति २८८ भारत का कम्यु- निस्ट बनना आसान नहीं २८८ कांग्रेस में फूट २८८ नेहरू का व्यक्तित्व २८९ बाबू राजेन्द्रप्रसाद २८९ दलीय दृष्टि अथेंशन्य २९० जनसंघ विभाजन-कर्म का फल २९० राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ २९१। ५. माषा का प्रदन न का २९२-३०८ भाषावार पुनविभाजन २९२ पुरर्षिभाजन राजदण्ड के जोर से २९२ भाषा राजनीति का अस्त्र बनी २९३ भाषावार प्रान्त प्रकृत २९४ प्रादेशिक आत्म-निर्णय और राष्ट्रीय एकत्व २९५ कानून विभाजक २९५ सांस्कृतिक एकत्व २९५ एकता विद्वास की ही २९६ नैतिक केन्द्रीकरण कामिक विकेन्द्रीकरण २९६ हिन्दी और अहिन्दी भाषी प्रदेश २९७ हिन्दी और दक्षिण २९८ जीवन का प्रकृत तर्क २९८ अंग्रेजी पर निर्भरता २९१९ पंजाबी भाषा २९९ जीवन और संस्कृति की ३०० अंग्रेजी से एक सुविधा ३०० अंग्रेजी लोकभाषा नहीं बन सकता ३०० राजाजी व्यामोह-प्रस्त ३०२ अंग्रेजी को भारतीय मान लिया जाय ३०२ उर्दू हिन्दुस्तान की है ३०३ उर्दू का जन्म और विकास ३०३ उर्दू का प्रादेशिक न होना उसका बल ३०४ अंग्रेजी की अनिवार्यता ३०५ भारत में अंग्रेजी व्याप्त सहज ३०५ अंग्रे जी को राज्यभाषा रखना




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