विश्व का राजनैतिक भविष्य | Vishv Ka Rajnaitik Bhavishya
श्रेणी : हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं. कृष्णकान्त मालवीय - Krishnakant Malaviya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सत्य प्रकाशित होता दिखायी देता है कि--इसी शतान्दि के अन्दर
एक नहीं, दो नहीं, तीन विश्व-युद्ध होंगे ८
निस्न्देद् श्रद्धाय प° कृष्णकान्त जी मालवीय ८ जिन्हे সম ।
: स्वर्गीयः कहते हष अत्यन्त पीड़ा होती है ) हिन्दी के सम्पादकों में
सवांग्रणी थे। श्रन्तराष्ट्रीय राजनीति का जितना ऊँचा ज्ञान आपको
था, उतना उनके समकालीन किसी अन्य सम्पादक में नहीं दिखाई ছা
देता था; जो इस पुस्तक से सवथा सिद्ध है | अमभ्युदय' को युक्तप्रान्त ` |
के इस शताब्दी के हिन्दी पत्रों में सबसे प्राचीन और अग्रणों होने `
के नाते जिस प्रकार युक्तप्रान्त ही नहीं देश के समस्त हिन्दी-भाषी
ন্বী राष्ट्रीय चेतना जाग्त करने का श्रेय प्राप्त है, उससे भी ` ¢
अधिक हिन्दी वालों में अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति का भी शान उत्पन्न ছু
.. करने के यश के शवधिकारों पं० कृष्णकान्त जी
अन्तराष्ट्रीय भविष्यवाणियों से युक्त उन लेखों को पुस्तकाकार |
.. प्रकाशित कर -पं० रामभरोस मालवीय ने हिन्दी पत्रकारिता का
.. मस्तक ऊँचा किया है और इस पुस्तक की एक शिढवान्सः प्रति
- मेरे पास सम्मत्यथ भेज कर सुझे स्वर्गीय पंडित कृष्णकान्त जी के
. प्रति अपनी श्रद्धांलि अर्पित करने का एक और अवसर दिया है, उसके `
/. लिए मैं पं० राममरोत जी का कतश्ञ हूँ
भारत कार्यालय... : रामकिशोर मालवीय
बीसवीं सदी में विश्व के लिए भारत की बहुप्रूल्य देन “विश्व `
का राजनैतिक भविष्य” है, जिसके द्वारा जन-जागंरणु-सन्देश” की `
परम्परा का निवांह हुआ है । ` `
इसमें सन््देह नहीं यह बहुमूल्य अन्थ पुण्यश्लोक लेखक का वाङ्मय `
১ शरीर है । पुस्तक की प्रत्येक पंक्ति ¡मनस्वी लेखक का व्यक्ति हे
हर हुँकार रहा है
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