गल्प समुच्चय | Galp Samuchchay
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
264
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
प्रेमचंद का जन्म ३१ जुलाई १८८० को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था जो लमही में डाकमुंशी थे। प्रेमचंद की आरंभिक शिक्षा फ़ारसी में हुई। सात वर्ष की अवस्था में उनकी माता तथा चौदह वर्ष की अवस्था में उनके पिता का देहान्त हो गया जिसके कारण उनका प्रारंभिक जीवन संघर्षमय रहा। उनकी बचपन से ही पढ़ने में बहुत रुचि थी। १३ साल की उम्र में ही उन्होंने तिलिस्म-ए-होशरुबा पढ़ लिया और उन्होंने उर्दू के मशहूर रचनाकार रतननाथ 'शरसार', मिर्ज़ा हादी रुस्वा और मौलाना शरर के उपन्यासों से परिचय प्राप्त कर लिया। उनक
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१० गस्प-खुमुचय
छोड़ गया था--बन्द की हुई और चुनी हुई पाता । छुट्टियों के अत्यल्प
काल में ही सरला ने उसके छुदय में स्थान कर लिया | उसको न-
मालूम स्यो हर समय सरला का ध्यान रहने लगा। वह अपने मन
से भी इसका कारण कई दफे पूछकर कुछ उत्तरनपा सका था।
परन्तु वह जने या न जने--श्रौर जानने की जरूरत भी नहीं--
মইন की पवित्र किरणा से उसका हृदयाकाश अवश्य ही आलोकित
रहने लगा। वह कभी सरला को पढाता-बीसियो नई-नई बातें
बताता--श्रौर कभी घन्टो खाली इधर-उधर की बाते ही करता |
मतलब यह कि इन दोनो की मैत्री दिन-पर-दिन मज़बूत होने लगी।
छुट्टियाँ समात्त होने पर जब सतीश कालेज को जाने लगा, तब उसे
मकान छोड़ने मे बड़ा मीठा दर्द-रूप मोह मालूम हुआ ; पर वह
तत्काल सेमल गया और हमेशा की तरह मामाजी ओर बद्धा के चरणं
छुकर सरला से आँखों-ही-आाँखों उसने बिदा ली ।
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सतीश सेन््ट्रल हिन्दू-कालेज में पढ़ता है| इस वर्ष অন एम० ए०
की अ्रन्तिम परीक्षा देगा। सतीश बड़ा धार्मिक है। वैसे तो हर लड़के
को, जो हिन्दू-कालेज के बोडिज्ञ हाउस में रहता है, स्नान-ध्यान और
धार्मिक कृत्य सम्पादन करने पड़ते हैं ; किन्तु सतीश ने अपनी बाल्या-
वस्था के कुल वधं श्रपने मामा डाक्टर राजा बाबू के साथ काटे हैं।
इसलिए, नित्य प्रातःकाल उठना, सन्ध्योपाघन करना श्रौर परोपकार
के लिए. दत्त-चित्त रहना उसका स्वभाव सा हो गया है। सतीश छुः
वर्ष से इसी कालेज में पढ़ रहा है और हर वर्ष परीक्षा में बड़ी नाम-
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