गीतातत्त्वांक | Geetatattvank
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
67 MB
कुल पष्ठ :
1312
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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चित्र-सूची
पृष्ट-संख्या
सुनहरी
१-पुरुषोत्तम-तत्त्व ( श्रीजगन्नाथ ) = হুর
२-भ्रीरामकी झांकी ( 9 ) ° ६२३
३-भश्रीमगवानू ८ » ) *** ६७१
অভ
४-जगद्ुरु श्रीकृष्ण ( श्रीजगन्नाथ ) मुखपृष्ठ
५-भक्तवर अजन ८ श्रीजगन्नाथ ) म १
६-भ्रीमधुसूदन सरस्वतीको परमतत्वके दर्शन ( श्री-
विनयकुमार मित्र) `“ व ५
७-श्रीशड्राचार्य ( श्रीजगन्नाथ ) = हद
८-गीताप्रचारक आचार्य (+; ) १५, হু
१-श्रीरामानुजाचार्य ।
२-पश्रीनिम्बाकाचार्य |
३-श्रीमध्वाचार्य ।
४-श्रीवल्लभाचार्य ।
९-योद्धावेशमें भगवान् श्रीकृष्ण ( श्रीवनयक्रुमार
मित्र ) *** १३७
१०-सञ्ञयको दिव्यदृष्टि ( श्रीचिनयकरुमार मित्र ) १७३
१९-धृतराष्-मञ्ञय ( 3) ) १७६
१२-दुर्योधनका मैन्यपदर्दन ( + )*** १७७
१२-पाण्डव-सेनापति धृष्द्ु्न ( » )'** १७८
१ ४-ृष्टयुप्न ओर द्रौपदीकी उत्पनि ८ श्रीनरजेन्द्र ) १७९
१५-चीरवर अभिमन्यु ( श्रीजगन्नाथ ) == १८०
१६-गुरुद्रोणाचायं ( +» ) “৯৪. १८१
१७-भीष्मपितामद ( 3)» ) ** १८२
१८-महावीर कण ( + ) ** श्ट३
१९-शरणागत अर्जुन ( >» ) *** २१३
२०-स्थितप्रश ( श्रीविनयकुमार मित्र ) न= २५९
२१-प्रजापतिकी शिक्षा ( » ) শত २९४
२२-अमृत-भोजन जौर पाप-भोजन ( श्रीविनयकुमार
मित्र) র্ २९७
२३-लोकसंग्रह ( श्रीविनयकुमार मित्र ) ००“ ३०९
२४-भोगोकी ओर भौर भगवानकी ओर ( भीविनय-
कुमार मित्र ) এ ˆ“ ३३६
२५-सूर्यको उपदेश ( श्रीविनय कुमार मित्र ) *** ३४२
२६-अवतार ( श्रीजगन्नाथ ) *** “““ ३५१
पृष्ठ-संख्या
२७-देवोपासना ( श्रीविनयकरुमार मित्र ) *** ३५६
२८-विविध यश (5) ১০
२९-गुरु-शिष्य (3) ““* ३८७
३०-समदर्शिता () ˆ“ ४२१
र १-काम-क्राघपर विजय (3; ) *** ४३१
३२-समदर्शी योगी ( श्रीजगन्नाथ ) *“ ४४७
३ ३-ध्यानमम्न भगवान् शङ्कर ( भ्रीरामप्रसाद ) ४५६
३४-ध्यानयोगी ( श्रीविनयकुमार मित्र ) ४६७
३५-सब काययम भगवद्-दष्टि (৮) ४७९
२६-भगवान् सवंमय (9) *** ५०६
३७-अर्थार्थी भक्त ध्रुव (9) ˆ ५१२
३८-आतं भक्त द्रौपदी ( श्रीदेवलालीकर ) *** ५१३
३९-जिज्ञासु भक्त उद्धव ( श्रीविनयकुमार मित्र > ५१४
४०-ज्ञानी भक्त प्रह्मद (7) ˆ“ ५१६
४९-अनन्य चिन्तनका फल (५99) ०० ५४७
४२-मजन करनेवाले भक्त (9) ) ५८१
४३-योगक्षेम-वहन (9) ২৮৮ ५९१
४४-भगवत्पूजन (9). 2 ५९५
४५-पत्रः पुष्प, फल, जलका प्रहण(93) ६०१
(१) द्रोपदी
(२) गजेन्द्र
(३) शबरी
( ४ ) रन्तिदेव
४६-भजनकी महिमा ( श्रीविनयकुमार मित्र) ६०७
४७-दुराचारीसे भक्त बिस्वमंगल (9) **' ६११
४८-सत्री, वैश्य शूद्रादि भक्त ( श्रीजगन्नाथ ) ** ६१५
(१ ) समाधि वैश्य
(२) सज्ञय
( ३ ) यज्ञपत्री
( ४ ) गुद् निषाद
४९-पुण्यात्मा ब्राह्मण सुतीक्ष्ण ओर राजिं अम्बरोपर
( श्रीजगन्नाथ ) ক * ६१८
५०-सप्तर्षि, मनु ओर सनकादि ( श्रीविनयकुमार
मित्र ) *** ६२८
५१-भक्तोंके भाव ( श्रीविनयकुमार मित्रे) ˆ“ ६३४
५२-महर्पि व्यास, देवप नारदः महिं अमित
ओर देवर ( श्रीजगन्नाथ ) -** ६३८
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