साहित्य समीक्षा के पाश्चात्य मानदंड | Sahitya Sameeksha Ke Paaschatya Mandand

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Sahitya Sameeksha Ke Paaschatya Mandand by राजेंद्र वर्मा - Rajendra Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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রদ. 52 8 १३ परिच्छेद :१६: आधनिक उपन्यास और चेतना-प्रवाह हेनरी जेम्स के विचार; एच० जी० वेल्स ओौर माल्सवर्दी प्रस्त का अतीत के स्मृति-चिह्न'; जेम्स जायस का यूलिसिस; उपन्यास में कथा-कल्प; डी० एच० लारेन्स के उपन्यास और रक्त चेतना; वर्जीनिया वृल्फ; नायक-विरोधी चरित्र परिच्छेद : १७: आधुनिक नाटक एकं नये स्वरूप की खोज; इब्सन और बर्ना्ड शा सेमुएल बंकेट का गोदो की प्रतीक्षा मेः; डब्ल्यू० बी० येट्स के काव्य-ताटक; वामपंथी नाटककार परिच्छेद :१८: काव्य-नाटक, आधुनिक परीक्षण ৪ येट्स के परीक्षण तथा जापानी नाटक; टी० एस० ईलियट की विचारणा; काव्य-नाटक और श्रोता; ईलियट के काव्य-नाटक ; काव्य-नाटक में कोरस का प्रयोग परिच्छेद :१९: (रोमांटिक' तथा क्लासिकल' .. कर विचार विमर्श; क्लासिकल साहित्य ओर सीमित समाज परिच्छेद :२०: साहित्य-समीक्षा की सीमां अ ड़ स्पष्टीकरण तथा निर्णय; टी० एस० ईलियट का परम्परा पर विचार; अवैयक्तिक कला; प्रभाववादी समीक्षा तथा ऐतिहासिक समीक्षा; परम्परा और समीक्षा १६७ १८३ १९० २०६ २१५




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