गुरुभक्तिप्रकाश | Gurubhaktiprakash
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
294
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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गरुभक्तिप्रकाश । ९
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चापाई॥
कोइ जाय पंडितको लाया। आदर करिके ताहि
बिठाया ॥ भाई बंध सब लिये बलाई। रोलीसीं-
प सज धरवाहं ॥ भरि परात बीड़े जहूँ राखे।
प्रागदास ब्राह्मणर्स भाखे ॥ करि प्रणाम जो ऐसे
बोले । नाम घरो शभदिन कहो खोले॥ जबे बि-
घ्र पत्रा करलीन्हा । ताको नैक नेक करि चीन्हा॥
जब हिजने हँस बचन उचारे | याके गिरहपडे
अतिंभारे ॥ यह बालक हेहे बड़भागी। स॒र-'
लीधर की दत्तव जागी ॥ हेहै भक्त महाउप-
कारी । मानों कृष्ण अंश ओतारी ॥ ५७॥
दोहा ॥
नर नारी बह पजि जपि याको जाप ॥
২৩১ ०५
ये तो आये जगत में दूर करनकूं पाप 4४८॥
चापाई ॥
सन दादी यशदा हरषाई।फली तनमे লা
समाई ॥ मवन माहिं बोली म्ठुबानी। मिश्र
कही हम सांची जानी ॥ जनमलेत यह अचरज
পাশা ------- শী -
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