जयपुर का इतिहास | Jaipur Ka Iithas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बुदगदरककनयकननटिटन्डिग ललफद्रिरसखिणण हि पन्ना का वि िगं धि है घर. सं. चि पृ. सं. |; झं. से. विषय प.स. द । ३१४ जयपुर में थसेवी के नाथ- फू “सोलहवां च्ध्याय'' | १... बांघवों का सद्दयोग, 'आायवृद्धि है १ “गोविंदसिंदजी [ १९] का रेठ७ £ | के उपाय, ऋणसुक्ति 'और कर हैं... अद्वितीय झधिकार लाभ पर न ६८ ह ९ उनका विवाद चाई में विद्या बेठप्द है || १३ लदमण का कालख विजय भ् व्यवसाय 'ओर जन गणना । ६... थसंवी का स्वागत २७०७ ३. ४ गोविंदसिंदजी का शुरू शासन ठप ३ भर पु गा हू १४ लदमण का काबुली पठानों के पर ४ जोधपुर मद्दाराज से भेट और पु साथ भर्यकर युद्ध २७ ग आदर इद्धि ८९ 2 १४ लैडलो का शुभागमन र७४ 1 ६ चोमूँके व्यापार का अजुसंघान २९० १ रु १६ बडे बाईजी'' का अदितीय 'रे७५ !! ७ जयपुर में कई काम-नए नए सदद- रे (विवाद पिन ल मकान महदकसे और खर्च २९२ || टै3 गाचावयों के सदन गमनता, पद € साँभर का नया प्रबंध (सांभर ही है... पी सत्सन्मतति चौसूँ के कार्गेकरों मील का परिचय और बनजारा) २९४ ? ्ृ गण मनवाडी की प्रतिष्ठा बचे का श बिध्वेश-शिवपुर की भारी हानि १० जयपुर मे मेयो का अपूव स्वागत २६६ है की द्वितीय सेबा में तथा उनकी 'अमित प्रतिष्ठा नसेनण नमीनिरि शाहीदरबार दैंनिक कारबार, चौसू का सुधार सब प्रकार के कारोबार , अनेक तरद के पेशाकार, पंच- देव उपासना 'झौर दुगोजी की स्थापना नन्कठ। पे ट्रेन ०४ कदर रद नरकिर डे मन के. और परिघार सा करसवण २ उन न . १८ सन्‌ ५७ का गदर और लदष्मण २७८ १९ सबत््‌ १६७६ का छागरे का २८१ $. २० लदुमण के पूजापाठ, सदजुान, '२८२ २२ लदमणसिंदजी का व्यक्तिव २८६ न कनेटेरट्€' | श्र मु. रस्रिदलरकननइनन,ननद्िस्टिकड नग्न हि मन नस कक न्ेडिदरिनन नमनेद्रिरिटडननननेट्रानखिर श्श श्शु श्द श्७ श्ठ जयपुर में नया पैसा, प्रिंस ्ाफ ड वेल्स का शुभागमन सवारी का हर समारोह ६७ मद्दाराणी विक्टोरिया का दिज्ञी भर द्रवार ग “रामर्सिदजी” (३९ ) का ्‌। जीवन चरित्र ३७० हू गोविंदार्लिदजी को कौंसिल मेंनरी में अघान्य कलकत्ता यात्रा, बाईजी का विवाद, बद्दादुर की पदवी... ३०४ ग रायवद्दादुर की पद्ची का भाषण ग तथा उनकी वाल्टर सभा... ३०४ मकर [ ग ३०६




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