जापान की भौगोलिक समीक्षा | Geographical Analysis Of Japan

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Geographical Analysis Of Japan by भानुप्रताप चौरसिया - Bhanu Pratap Chaurasiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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6 ] जापान की भौगोलिक समीक्षा विकास हुआ । तीसरे प्रकार के उद्योग का विकास बड़े पैमाने पर सम्पन्न लार्डो हारा किया गया । विभिन्न वकंणपों मेँ ताबा, सोना ओर चाँदी को सांफ किया जाता धा तथा खानों से कोयला भौर लौह खनिज का उत्पादन होता था) दक्षिणी क्यश्‌ मे सत्युमा (5815702) के लड ने 1852 ई० मे लोह के उलाई के कारखानो को स्थापित कतिया जिसमे लौर्‌ खनिज एवं स्थानीय लकड़ी का प्रयोग होता था । तोकगावा काल में यद्यपि स्थिरता थी परन्तु सामाजिक और आर्थिक असन्तोप के कारण इसका पतन हुआ । समुराई ($क्राएाव) समुदाय तोकूगावा शासन से मुख्य रूप से असंतुष्ट था । मिजी काल में इस समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 20 लाख थी जो सम्पूर्ण जनसंख्या का 6% थी। षको की जनसंख्या 75% थी। ये कृपक भूमि के उच्च किराये और टैक्स से परेशान रहते थे क्योंकि कृपि उत्पादन का 30 क्षे 40% भाग शासक ले लेते थे । इसके अतिरिक्त कृषकों को सूखे और ठण्डें मौसम के कारण फसल उयगाने में अत्यन्त कठिनाई का सामना करना पड़ता था। 18वी शताब्दी के उत्तराद्ध में अकाल के कारण कृषकों को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा | तोकगावा शासन के पतन का सबसे बड़ा कारण उद्योग और व्यापार का विकास था जो नगरों में मध्यम वर्ग के व्यापारियों द्वारा संचालित था । परम्परानुसार ये लोग निम्न वर्ग की श्रेणी में आते थे | इस वर्ग के लोग उच्च অর্ধ ক্ষ प्रशासकों द्वारा लगाये अधिक कर से परेशान थे। जैसे-जैसे ये लोग सम्पन्त होते गये अपनेको निम्न वर्गकी श्रेणी से उच्च वर्ग मानने लगे। अतःस्तर और धन को लेकर इन लोगों भोर पू'जीपतियो के मध्य संघर्ष होता रहता था जिसके परिणाम स्वरूप तोकूगावा साम्राज्य को पतनोन्मुख होना पड़ा । उद्योगों और व्यापार के विकास के कारण नगरों में खाद्य पदार्थो की मांग में वृद्धि हुई, परन्तु इस आवश्यकता की पूृति जापान में अपने सीमित खाद्य उत्पादनों द्वारा नही हो सकी, जवकि 1600 ई० से 1730 ई० के मध्य कृपि क्षेत्र में दो गुनी वृद्धि हुई । आन्तरिक और वाह्यय दवावों एवं परिस्थितियों के कारण जापान को नये सिरे से विचार करना पड़ा । अधिकांश जापनियों ने नयी पश्चिमी तकनीक को सीखने के लिये विदेशियों से सम्पर्क किया । इसके अतिरिक्त रूस, संयुक्तराज्य अमेरिका आदि देश जापान के व्यापार को बढ़ाने में सक्तिय भूमिका निभाये।




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