राममनोहर लोहिया की भूमिका का एक राजनैतिक विश्लेषण | Rammanohar Lohiya Ki Bhumika Ka Ek Rajnaitik Vishleshan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
116 MB
कुल पष्ठ :
329
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about अजय कुमार सक्सेना - Ajay Kumar Saxena
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)11
मण्डलो, गवो तथा नगरों की पंचायत कल्याणकारी नीतियों तथा काया का
उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लेगी 1
“लोहिया की समाजवार्द नीतियाँ हमेशा भारतीय समाज জী ঝি
उत्कृष्ट एवं अनुपम रहीं जिन्होंने हमेशा गरीब और मोहताज वर्ग की सहायता की
पामन्तवादी व्यवस्था और जमींदार प्रथा में आजादी के पूर्व भारत को पूर्ण रूप से पंगु.
बना दिया। जिस पर पूरा समाज टिका हुआ था। एक राष्ट्र की व्यवस्था को सुधारने
में जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति को अपने अधिकारों की प्राप्ति हो सके |”
“लोहिया विकेन्रीकृत समाजवाद के समर्थक थे। इसका अर्थ है छोटी
मशीन सहकारी श्रम तथा वामशासन ঘুঁজী के संचय तथा बढ़ती हुईं बेकारी को.
रोकने के लिए लोहिया ने छोटी मशीनों पर आधारित उद्योगं का समर्थन किया9
लोहिया परम्परावादी तथा संगठित समाजवाद को एक भरा हुआ
सिद्धान्तं मरणासन्न व व्यवस्था मानते थे इसलिए उन्होने नवीन समाजवाद का नारा
लगाया जो नयी विचारधारा पर केन्द्रित था। नवीन समाजवाद के लिए छः सूत्रीय
थोजना का निरुपण किया परन्तु इस कं लिए विश्च के समस्त जीवन स्तर को ऊंचा
उठाना पड़ेगा।
“लोहिया ने व्यस्क मताधिकार पर आधारित 'विश्व ससद का समथन
किया। यह एक जटिल तथा यूटोपियाई सुञ्चाव प्रतीत होता 2। लोहिया लोकतान्निक
राजनीतिक स्वतन्त्रता के पक्के समर्थक थे। वै चाहते थे कि वाणी की स्वतन्त्रता के
क्षेत्र सुरक्षित होने चाहिए, और किसी को भी सरकार को बलपूर्वक उसमें हस्तक्षेप `
नही करना चाहिए। उनहोने सामान्य जनो के अधिकारों तथा प्रतिष्ठा की रक्षा के...
| लिए वैयक्तिक तथा सामूहिक सविनय अवज्ञा की गधीवादी कार्यप्रणाली का समर्थन
किया। इसका मनोवैज्ञानिक महत्व भी है 20
User Reviews
No Reviews | Add Yours...