जनपद जालौन के कृषि विकास में जिला सहकारी बैंक की भूमिका | Janpad Jalaun Ke Krashi Vikas Mein Jila Sahkari Bank Ki Bhoomika

Janpad Jalaun Ke Krashi Vikas Mein Jila Sahkari Bank Ki Bhoomika by शरद जी श्रीवास्तव - Sharad Ji Shrivastava

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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यह कि उनकी अधिकांश अंशपूजी ऐसे नागरिकों के स्थायी खातों से जुड़ी है जिनके प्रति बैंक का उत्तरदायित्व है या यूं कहिये कि केन्द्रोय सहकारी बैंक, उरई उनका सदैव से सफलता पूर्वक निर्वाह करता आ रहा है और उस लीक से सरलता से हटना बैंक के लिये सम्भव नहीं। इसके साथ- साथ नाबार्ड या राज्य सहकारी बैंकों से अनेक प्रायः आते-जाते प्रपत्रों की भांति ही समझकर उन प्रपत्रों में निहित आदेशों और सुझावों को एक सामान्य प्रक्रिया मानकर यथा सम्भव ही अनुपालित कर पाता है| अस्तु मै एक अर्थशास्त्र विभाग का प्रवक्ता होने के नाते जहां सहकारिता एक महत्वपूर्णं विषय के रुप मे अध्यापन का विषय है तथा वर्तमान सहकारिता मंत्री श्री राम प्रकाश जी की निराशाजनक टिप्पणी से इसलिये भी प्रभावित हुये बिना नहीं रह सका कि जब प्रदेश कं 70 केन्द्रीय सहकारी वैकां में से 30 बैंक घाटे पर चल रहे हैं तथा केन्द्रीय सहकारी बैंक उरई जिसका मैं एक सदस्य भी रहा हूँ तो इस बैंक की वस्तुस्थिति की जानकारी करँ और इस निष्कर्ष पर पहुँचने में सफल हो सक्‌ कि यह 1907 से कार्य कर रहा बैंक किस हद तक बुन्देलखण्ड की पिछड़ी कृषि तथा कृषकों की दशा को सुधारने में सहायक हुआ है, कहाँ तक लघु कृषकों व भूमिहीन कृषकों के जीवन स्तर को उठाने में सहायक हुआ है और यदि बैंक की प्रगति में कोई ऐसे अवरोध उत्पन्न हुये हैं जिनके कारण आशानुरुप सहायता व प्रगति सम्भव नहीं हुई है, तो इस दिशा में कुछ मौलिक व व्यावहारिक सुझाव प्र स्तुत कर इस केन्द्रीय बैंक की प्रगति में अपना योगदान प्रस्तुत कर सके | मुझे पूर्ण विश्वास है कि मैं इस शोध प्रबन्ध संरचना के माध्यम से निर्भीक व निष्पक्ष मूल्याकंन द्वारा कुछ अनुत्तरित, ज्वलन्त समस्याओं और प्रश्नों... का व्यावहारिक व समीचीन हल प्रस्तुत करने की सफल चेष्टा कर सकँगा तथा. अनेक अनछुए अध्यायो को उजागर कर जालौन जिला सहकारी वैक लि० उरई |




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