सम्राट अशोक | Samrat Ashok

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Samrat Ashok by रामनारायण सिंह - Ramnarayan Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १३ ) ६ गुलाम वंश से था ) ऐसा शासक था। अपने सृद्तम विचार से आरंगजेब भी धार्म्मिक और साधारण जीवन व्यत्तीत करने वाला था। अब्वासिया खलीफाओं में भी अनेक ऐसे खलीफा हुये है जिनका जीवन साधरण ओर ईश्वरभक्ति में व्यतीत हुआ । इसी रकार बहुधा यूगेष से ईसाई शासक भी देखने सें अते है । जापाची ओर चीनी सम्राटों में भी ऐसे उदाहरण पाये जते हैं । किन्तु प्रश्द प्यह उठना है कि साधारण ओर ईश्वराराधन के साथ उनका माल- सिक श्रोर स्वाभाविक उद्देश्य ऐसा श्रेष्ठ था भशितना कि अशोर को ? इस प्रश्न का निर्णाय प्रत्येक जाति अपने-अपने सूचम त्रिचार से करती है। योरोपियन इतिहास लेखक सम्राट अशोक के सम्मुख ईसाई महाराज कान्सटनटाइन कुस्तुनतुनिया के प्रथम निर्माता হু खल्नीफा उमर फारूक व सेन्टपाल # का नाम लेते हैं। यह्‌ प्रकद है कि सेन्टपाल की समता करना ही निरर्थक है । सेन्टपाल कोई शाद न था वह केवल एक प्रचारक था किंतु एक आन्य ढंग से.भी উল ' पाल ओर महाराज अशोक की समता चिल्कुन व्यथ हो जाती है । ' यह सिद्ध है कि सेन्टणल युद्ध द्वारा ईसाइयत के प्रचार (थी: 01501905101 ) ক্ষী नीव डालने वाला था। ईसाई धमं मे जित्तना ' विवाद युद्ध और मारकाट की स्पिरिट पाई जाती है उसका आबि- उक्रारक ओर प्रचारक सेन्टपाल ही था । मसीह को शान्ति का ভুত. ` कहा जाता है । उसने यहूदी घर्म की सारी मिलिटरी स्पिरिट को : ईसाई धर्म्म में सम्मिलित कर लिया ओर धंम्म की स्पिग्टि विल्कुछ £ देखो वेन्सरस्मिथ की पुस्तक अशोक माग ३ प्र २९. वेन्सटस्मिथ की पुस्तक अशोक भाग ३ प्रठ २१...




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