आन्जनेय | Anjaneya

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Anjaneya by रामजी लाल दीक्षित Ramji Lal Dikshit

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जीवन जगत के प्रमाण सत्य न्याय ঘন प्राण श्वास श्वास निस्सृत है रामचरित कोति गान ज्ञान सिंध में से एक विन्द्‌ का ही पान मात्र बनता स्वयं में काव्य देता है गौरव सहज कवि होने का नाम मात्र छेड़ देता अंतर की झंकृति को भय हीन हुति को नीति मयी सस्कृति को परिमल का अणु मात्र प्राण मयी संस्कृत के राममय उपवन के सहस्र दल कमल के भूषित भ्रमर हो देव देता कला को रूप विद्वत्समाज में राम भक्त भूषण के केपि कुल शिरोमणि के ८ )




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