भारत १९६६ | Bharat(1966)

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Bharat(1966)  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय 1 भारतभूमि तथा उसके निवासी भारत ससार का सातवां सबसे बडा तथा दूसरा सबसे अधिक जनसंख्यावाला देश है । इसके उत्तर में हिमालय-पव॑ त, दक्षिण में हिन्द-महासागर, पूर्व में बगाल की खाड़ी भौर पश्चिम मे अरब-सागर हैं। सारा-का-सारा देश भूमध्य-रेखा के उत्तर मेँ 8° 4' से 37 6 अक्षाश-रेखाओ तथा 68 7 से 97 25 पूर्वी देशान्तर-रेखाभो के बीच स्थित है । उत्तर से दक्षिण तक इसकी लम्बाई लगभग 3,219 किलोमीटर तथा पूर्व से पश्चिम तक चौडाई लगभग 2,977 किलोमीटर है । भारत का कुल क्षेत्रफल 32, 68, ७१७ वर्ग किलोमीटर* है । इसकी स्थल-सीमा की लम्बाई 15,168 किलोमीटर तथा समुद्री किनारे की लम्बाई 5,689 किलोमीटर है । प्राकृतिक पृष्ठभूमि कण्मीर के उत्तर में भारत की सीमा पर मुझ़॒ताग, अगिल तथा क्वेनलुन-पवंत स्थित हैँ । शेष भाग में नेपालवाले प्रदेश को छोडकर इसे हिमालय ने घेर रखा है । उत्तर में भारत की सीमा से लगे दशो में चीन तथा नेपाल हैं। भारत के पूर्व में पूर्व-पाकिस्तान (पश्चिम- बंगाल, असम और त़रिपुरा-द्वारा घिरा हुआ) तथा बर्मा है। भारत की पश्चिमोत्तर सीमा पर पण्चिम-पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान है। दक्षिण में मन्नार की खाडी तथा पाक-जलडमबूमध्य भारत को श्रीलका से अलग करते है । बगाल की खाडी में स्थित अन्दमा+ तथा निकोवार-दवीपसमह्‌ ओर अरव-सागर में स्थित लक्षद्वीप, मितिकोय तथा अमीनदीबी-हीपसमूह भी भारत के अग हे । प्राकृतिक रचना प्राकृतिक और भौगोलिक दुष्टि से सम्पूर्ण देश को मुख्यतः तीन प्रदेशों में बाटा जा सकता है (1) हिमालय का विस्तृत पहाडी प्रदेश, (2) सिन्धु-गगा का मैदान तथां (3) दक्षिण-प्रायद्रीप । हिमालय प्राय. तीन समानान्तर पर्वतश्रेणियो से मिलकर वनां है जिनके बीच मे लम्बे-चौड पठार सौर घाटिया है । इनमे कश्मीर तथा कुल्लू की घाटिया बडी उपजाऊ, विस्तृत और प्राकृतिक सौन्दर्य से सम्पन्न है। हिमालय की इन पर्वेतश्रेणियों में ससार की कुछ सबसे ऊची चोटिया हैं। अधिक ऊचाई के कारण आना-जाना केवल कुछ ही दरों से सम्भव है जिनमे जेलेप-दर्रा तथा नादू-दर्रा प्रमुख हे। ये दाजिलिंग के पूर्वोत्तर में चुम्बी- घाटी से होकर जानेवाले भारत-तिब्बत-व्यापार-मार्ग पर हे । यह गिरिमाला लगभग 2,414 किलोमीटर लम्बी टै) सिन्धू-गगा का मैदान 2,414 किलोमीटर लम्बा तथा 241 से 321 किलोमीटर चौड़ा है ओर सिन्धु, गगा तथा ब्रह्मपूत्र के तीन नदीक्षेत्रो से मिलकर बना है । इसकी गणना * 1-1-66 की स्थिति के अनुसार




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