प्रेरणा प्रवाह | Prerna Pravah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.98 MB
कुल पष्ठ :
194
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भद्दिसामूउक करुणा ९
छह मजा तक मद विप्यार पहुच्ा है सौर सद्घोग पर मी पावस्दी सयाती
है बददं और विचार मी सामने साठा है ।
सद्दासनामां का त्याग
दो हो सर्वोत्तम | मिटा राजस साहार है । छेड्न फश्प
दर कौ इष्टा दो भौर भू रूगे, भर सूप सइन नहीं देती इसक्य
लाना दी पढ़ें गद रपचारी की झपण्या मी नहीं सानी 'ताइिए । समय
फर शाप लेडिन शुपा की पीड़ा सइन नहीं कर स$से ऐसी दाल्ठ न
शासे। ऐसी में भपने प्र ही इमारी सत्ता नहीं रइती । जिन
बासनामों से मनुष्य आजादी सतत भर कातू प्योता है उन बाधनाथी
को मी काबू मैं. की कोशिश दोनी 'बाइिए। इसडिए फडाइर
को निरादार का विचार भागा |
शाराश बासनाओं के नियकरण का अम या दोगए !
१ का त्याग
४ शशखना मी लचकों उपलब्ध ने दो, टो उसका स्पांग
१ सद्दासना दो सेकिन उसके मोग में म्पत्ञा भीर
४ को काबू में के रिए सदासना का स्पाग)
इत्र
कार्पकतौ-सिपिर से
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