इलेक्ट्रान विवर्तन | Electron Diffraction

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय १ इलेबट्रानों का तरंग रूप और मणिभों का ग्रेटिंग व्यवहार इल्ेक्ट्रान पर तरग गुणों का आरोप सर्वप्रथम डी ब्रोगली ने प्रकाद्ष के तरग और कण गुणों में सामंजस्य स्थापित करने के यत्न में किया था। कृृष्णपिड विकिरण सम्बन्धी कार्य ने उसे प्रकाश को तरंगों दारा नियत्रित ववांद' मानने को प्रवृत्त किया था। वाद में उसने इस सिद्धान्त को द्रव्य कणो पर भी न्छागू कर दिया, मूलतः ज्यामितीय प्रकारिकी? यौर सनातनं गतिकीः कौ धनिष्ट समतता के फल-स्वक््प । „ यहाँ तरंग-समीकरण की व्युत्पत्ति फे लिए डी ब्रोगली की विधि की एक सक्षिप्त रूपरेखा दौ जायेगी । तर्क एकदम कठोर नही है, किन्तु कम अमूर्त' होने के कारण यह तर्क, श्रोडिजर तथा अन्य लोगों द्वारा बाद में प्रयुवत विधियों की अपेक्षा, अधिक सरलता से समझ में आता है। चाहे समीकरण की व्युत्पत्ति कैसे ही की जाय, वह कुछ स्वेच्छित मान्यताओं पर आधारित रहता है, जिनका औचित्य इसीलिए मान्य होता है कि अनेक स्षेत्रो में उनसे प्राप्त फल सही उतरते है । अपने मौक्तिक तकं में डी ब्रोगलीक ऊर्जा“ ओर आवृत्ति के सम्बन्ध को मूलात्मक मानता है, और इसलिए वह कण की विराम ऊर्जा'' के साथ एक आवृत्ति 9, सलग्न करता है-- व कज ५.०० (प) जहां # प्छांक नियतांक हैं, #५ कंण की विराम सहति' है, और ८ प्रकाश का वेग है) इस आवृत्ति की वास्तविक प्रकृति निदिष्ट नहीं की जाती, किन्तु इसे इस रूप में प्रतिदर्शित किया जा सकता है। ৬) (21525) ভা এন 155 ০১৩০ ৩৩৩ (2) 1. छाल: छन्‍तज स्यतांताक 2. (एडजॉछ.- 8. 07825. 4. 01953ास्यो वुत्त 5. एतस्मा 6. গত #फ्क्याउ एशपावॉल्ड 8- एक़टाहुज 9. सफस्वपलाटज, 20, এসএ] 11, पलक হে 12. 1108६ 10053 1 यद झीक अक्षर न्यू है +।




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