भजन संग्रह दूसरा भाग | Bhajan Sangrah Dusra Bhaag
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
196
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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भजन | पृष्ठ
राम कट्दो राम कहो; राम कहो बावरे. **' १६४
सदा सोहागिन नारि सो *** হও
साँचा तू गोपाल, साँच तेरा नाम है. ` १५८
हरि समान दाता कोड नादी ˆ १५६
हमसे जनि रगेत् माया এ
चरनदास
अब घर पाया दो मोहन प्यारा ˆ * १७५
कोइ दिन जीवे तौ करः गुजरान न १७५
गुरु हमरे प्रेम पियायो हो - १७४
जिन्हें हरिभगति पियारी हो भन १७३
झूलत कोइ कोइ संत लगन ভিভীভনী *** १७२
डुक रंगमहलमें आव कि निरगुन सेज बिछी ** १६६
इक निरगुन चे सँ कि नेह लगाव री ˆ“ १६७
तरस লং নন ইভী, হাল-লিভন कब होयगो १६७
प्रेमनगरके माहिं होरी होय रही = दद
मो बिरदिनकी बात हेली, बिरहिन होइ जानिहै १६८
वह पुरुषोत्तम मेरा यार १७१
समञ्च रस कोडक पावे हो “° * १७०
साधो निंदक मित्र हमारा “* १७३
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