सामायिक सूत्र | Samayik Sutra
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
770 KB
कुल पष्ठ :
38
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भंवरलाल बोथरा - Bhavarlal Bothra
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सामायिक-सूत्र | ११
फित्तिय वैदिय महिया ८ वचनयोग से कीर्तित मनयोग से
पंदित और काययोीग से नमस्कृत
जे ए लोगस्स उत्तमाभिद्धा = लोक में जो उत्तम पिद्ध हैं ।
आरुग बोहिलामं - आरोग्य वोधिलाभ
समाहिवरमुत्तमंदिन्तु ८ उत्तम समाधि देवें ।
चंदेसु निम्मलललयरा = चन्द्रो से भी निर्मल
आईच्णेसु अहिय॑ ८ धयों से भी अधिक
पयासयरा > प्रकाश करने वाले
सागर वर गंभीरा ८ অসুর के समान गम्भीर
सिद्धा सिद्धि मम दिसन्तु 5 सिद्ध झके सिद्धि [मोक्ष] देवें।
शा
গত. ওলি আক বিরতি
& - सामायिक लेने का पाठ:-
करोमि भंते ! सामाइयं सावज्जं जोगं
पचक्वामि जावनियमं & पज्जुवासामि दुविहं
तिषिरेणं न करेमि न कारेमि मणसा वयसा
कायसा तस्स भते! पडिक्कमामि मिदामि गरि
. हामि अप्पाणं वोसिरामि ।
१५०००००
जितनी सामायिक लेनी हो उतना मूहर्त प्रकद कहकर फिर
प्रागे फट बोलना चाददिए ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...