आशीर्वाद | Aashirwad
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
170
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आशीर्वाद २७
मेरे मुख की हँसी तिरोहित हो गई । श्रेम का उच्छुवास कम
हो गया । मेने उसको अपने वक्ष पर लिटाते हुए कहा--“अनू !
सच कहो, क्या तुम्हारां मेरे ऊपर विश्वास नहीं ¢
उसने अपना सिर रखते हुए कहा--'क्या आज तक कभी
मेंने तुम्हारा अविश्वास किया है, जिस दिन में तुम्हारा अवि-
श्वास करूँ, भगवान् से प्राथेना है कि वही मेरे जीवन का अंतिम
दिन हो ! मुझे अपने ऊपर विश्वास नहीं है, लेकिन तुम पर हे ।
यह में जानती हूँ कि तुम हमारे हो--और किसी के कभी नहीं हो
सकते |!
कहते-कहते उसका गला भर आया । आँखों से विश्वास के
आंसू छलछला आए। मैने प्रेम के दूने आवेश से उसे अपनी
भुजाओं मे वॉध लिया | वह भी सिक्कुड गई | विश्वास की अतिमस
सीमा प्रेम है ।
थोडी देर वाद अपना सिर उठाकर पृछा--*क्यों, क्या अभी
तक उस मिखारिनी को नहीं भूल জট হী?”
मेंने सकुचित शब्दों मे कहा-- हाँ, अभी तक नहीं भूल
सका | अरुण ने आज उसकी याद दिलवा दी दे अनू उस
भिखारिनी की दृष्टि में जो करुणा थी, जो दुःख था, जो मौन
व्यथा थी, जो आह थी, जो तडप थी, जो पवित्रता थी, जा
सादगी थी, उसे मैं नहीं भूला हूँ । मुझे मालम होता है, ससार
. मे सवसे दु खी जीव ची दै। मेरा मन कटता द, उसे कोऽ वडा
भारी दु ख है, जलिंसकों वह किसी से कहती नहीं. अपने द्वी दिलके
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