उन्नति की ओर | Unnati Ki Or

Unnati Ki Aur by सेवाराम चावला

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आये-कमार क्या है १५ [३] भारत भू-अ्रमणार्थ अवतरित क्या सुरगण के बालक हो १ या नचिकेता ऋषि-कुमार हो ओऔपनिषद्‌ उद्धलक हो ९ नव सफूर्ति हो, मंजु मूर्ति हो प्रेम-पुत्न॒ प्रतिपालक हो ? चक्रव्यूह - संसार7समर के सौभद्रक सम्बालक ভী-? [४] अथवा ज्योतिमय ज्वाला हो पातक-पुश्ञ-प्रजारक हो ९ धर्म क्रान्ति की चिनगारी क्या अनघ ओघ-संहारक हो ९ वैदिक वायु-विश्व मे बनकर सुख सुरभी सच्वारक दो अथवा प्रभु-प्रेमास्लानन हो पावन पुण्य प्रसारक हो ९ [५४ ] अहो | अतुल अवतार ओज के निष्ठा के नट-नागर হী? आशा के आगार आप वा सत्साहस के सागर हो ९ निभेयता की निश्चल निधि हो वा उमड्र के आकर হী? जीवित ज्वालामुखी-जोश के वा प्रस्फूर्ति प्रभाकर हो? [६] क्या उत्साह अनल भट्टी के तुम जलते अद्वारे हो २ अथवा सृदुता-मन्दाकरिनि के तुम कमनीय कगारे हो १? अथवा संक्तोमित सागर की लहरों के बम्भारे হী? वा प्रचण्डतम वायु बवंडर के अखण्ड भण्डारे हो ९




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