भगवत - सन्देश भाग - 5 | Bhagawat Sandesh Bhag - 5

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Book Image : भगवत - सन्देश भाग - 5  - Bhagawat Sandesh Bhag - 5

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अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (1 सितम्बर 1896 – 14 नवम्बर 1977) जिन्हें स्वामी श्रील भक्तिवेदांत प्रभुपाद के नाम से भी जाना जाता है,सनातन हिन्दू धर्म के एक प्रसिद्ध गौडीय वैष्णव गुरु तथा धर्मप्रचारक थे। आज संपूर्ण विश्व की हिन्दु धर्म भगवान श्री कृष्ण और श्रीमदभगवतगीता में जो आस्था है आज समस्त विश्व के करोडों लोग जो सनातन धर्म के अनुयायी बने हैं उसका श्रेय जाता है अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद को, इन्होंने वेदान्त कृष्ण-भक्ति और इससे संबंधित क्षेत्रों पर शुद्ध कृष्ण भक्ति के प्रवर्तक श्री ब्रह्म-मध्व-गौड़ीय संप्रदाय के पूर्वाचार्यों की टीकाओं के प्रचार प्रसार और कृष्णभावन

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भुमिका ঘন है, जिसके प्रतिष्ठानों का एकीकरण अत्यन्त विकसित चिन्मय सा्वेभौम दृष्टिकोण के आधार पर हुआ था। साहित्य के रसिको को भागवत श्रेष्ठ काव्य ग्रन्थ प्रतीत होगा । मनोविज्ञान के छात्नो को इससे चेतना, मानव आचरण तथा आत्मस्वरूप के दाशेनिक अध्ययन की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकेगी । अन्त मे, जो आत्म- प्रकाश की खोज करने वाले है उनके लिए भागवत एक सरल व्यावहारिक पथप्रदर्शक का काम देगा जो आत्मज्ञान तथा परम सत्य का साक्षात्कार करायेगा। भक्तिवेदान्त बुक ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत किया गया अनेक खण्डो में समाप्य समग्र भूलपारठ दीघंकाल तक आधुनिक मानव के बौद्धिक, सास्कृतिक तथा आध्यात्मिक जीवन मे महत्वपूणे स्थान बनाये रखगा । - प्रकाशक




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