अथ वेधरत्न भाषा टिका समेत | Ath Vaidyaratnam Bhasha Tika Samet.
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.41 MB
कुल पष्ठ :
218
श्रेणी :
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No Information available about पं ज्वालाप्रसाद मिश्र - Pn. Jvalaprsad Mishr
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाषाटीकासमेत । (९)
अध-दन्ददोपमें नेवों का रंगभी मिलादोता है, श्याम-
जी
चरण टेटे तन्द्रा और माहसे युक्त ॥ ३३ ॥
रीद्रंचरक्ततर्णचभवेच्नक्लुखिदोपतः ।
एकंचक्षुयंदाभीमंद्वितीयंमीलितंभवेत ॥ डा
अर्थ-रोद्र लालवर्णके नेच चिदोपसे होते है जय एक
नेच भयंकर और दूसरा मुंदाहुआ हो मिचारदे ॥ ३२४ ॥
विभिर्दिनिस्तथारोगीसयातियममान्दिरिम् ।
ज्योतिर्विदी नसहसारोगिणोयस्यलोचनम् ॥३५,॥
अर्थ-णेसा रोगी तीन दिनमें मरजाता है, जिस रोगी
् के नेघ सदसा प्रकाशद्दीन हो जाय ॥ ३५ ॥
ईपत्कृप्णंसनियतंप्रयातियमशासनम ।
सरक्तकृप्णवर्ण धरोदशप्रेश्तेयदा ॥ ६ ॥
अप-फुछणदव श्यामषण दा ददद ऊउपश्य मरजाताद जब
रक्तदर्ण फष्णदर्ण और रोद्र दष्ट धोने ठगे अर्थात लाल,
फाला आर राट्रबणक रुप चस्तुआंका दाग्यन लगे ॥ ३६11
एतलिंगर्बिजानीयान्इत्युमेबनसंशयः ।
एकरडाटिरचतन्योश्रिमस्फूरितितारकर ॥ ३७ ॥
अर्प-तो इन चिम्दोंस रोगीकी मृत्यु जाननी इसमें
संदेए नहीं सिसफी पक धाषि दोजाय अर्थात टकटकीा
दोपफर दरसनेलग, बमदों, नघको साइका स्परायमान
दोजाप ( झयतनसा मात दाजाय ) ॥ इ3 8
- एकरावेगनियतंपरलोकपरब्रनेन ॥ डेट ॥
हूपनसा पएगाा रागा एड दा शाध्मिं सरख्यना वा बट
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