भारतीय डाकियों की समाजिक स्थिति | Bhartiya Dakio Ki Samajik Sthiti
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
158
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)समरया का निरूपण, अध्ययन का विस्तार एवं उसकी पद्धति # 15
योगदान दिया है, इसे अध्ययन में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
डाक विभाग का सबसे महत्वपूर्ण अभिकरण डाकिया है जो हमें एक
कोने से दूसरे कोने तक जोडता है। सम्पूर्णं डाक वितरण कौ व्यवस्था इन
डाकियों के कन्धौ पर टिकौ हे। डाक विभाग से इस वर्ग को हटा देने पर सम्पूर्ण
उाक-व्यवस्था ठप हां जाएगी। इसीलिये हमने इसं अपने अध्ययन का विषय
बनाया है। डाकिये का कार्य अत्यन्त कठिन हे। यह चिलचिलाती धुप, मूसलाधार
बारिश व कडाक की ठण्ड में भी नागरिकों के यहाँ डाक वितरण का कार्य
करता रहता है। लोग अत्यन्त उत्सुकता से उसकी प्रतीक्षा करते हैं। इसका कार्य
अत्यन्त महत्वपूर्ण होने के बाद भी अभी तक किसी ने चाहे साहित्य के क्षेत्र में
अथवा अन्य किसी विषय में, अपने अध्ययन का विषय नहीं बनाया है। समाजशास्त्र
में भी व्यवसायों के अनेक अध्ययन हुए हैं लेकिन डाकिये के सम्बन्ध में अभी
तक कोई अध्ययन उपलब्ध नहीं है। इसलिये इस सम्बन्ध में यह अध्ययन और भी
महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारत की सम्पूर्ण डाक सेवा केन्द्रीय सरकार के नियन्त्रण में है। प्रशासनिक
दृष्टि से इस विभाग का सर्वोच्च अधिकारी डायरेक्टर जनरल, नई दिल्ली है।
प्रशासन की दृष्टि से पूरे भारत की डाक सेवा को डाक - परिमण्डलों में
विभाजित किया गया है। “उत्तर प्रदेश डाक परिमण्डल' पूरे उत्तर प्रदेश को
मिला कर बना है। उत्तर प्रदेश में इसका सर्वोच्च अधिकारी चीफ पोस्ट मास्टर
जनरल है जिसका मुख्यालय लखनऊ है। 30 प्र0 परिमण्डल पाँच क्षेत्रीय मण्डलों
मेँ वैया हुम है, जिसका विभागीय अधिकारी पोस्टमास्टर जनरल है तथा इनका
मुख्यालय इलाहाबाद, कानपुर, मेरठ, गोरखपुर व लखनऊ में है। ये मण्डल
प्रखण्डों तथा उपप्रखण्डों में बँटे हुए हैं। द
गोरखपुर प्रखण्ड गोरखपुर मण्डल के अन्तर्गत आता है। गोरखपुर प्रखण्ड
व महाराजगंज जनपद सम्मिलित हें।
गोरखपुर प्रखण्ड का अधिकारी प्रवर अधीक्षक डाक-विभाग गोरखपुर
है। गोरखपुर प्रखण्ड उपप्रखण्डों में बँंट हुआ है। जिसका प्रशासन कार्य उपप्रखण्डीय
निरीक्षकों के अधीन है।
डाकियों का स्थान श्रेणी के अनुसार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से ऊपर
तथा तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों में सबसे निम्न है।
वर्तमान समय में गोरखपुर जनपद में 6 तहसीलें, 19 ब्लाक हैं। सन्
1991 की जनगणना के अनुसार गोरखपुर जिले कौ जनसंख्या 30,67,280 है।
इसी प्रकार महाराजगंज जिले में 3 तहसीलें, 12 ब्लाक हैं। सन् 1991 की
जनगणना के अनुसार इस जिले की जनसंख्या 16,79,342 है। दोनों जिलों
गाँवों की कुल संख्या 4625 है।'
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