कटी | Kati
श्रेणी : मनोवैज्ञानिक / Psychological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
294
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बर आई थी । उसके डडी न इतना ही कहां अच्छा किया कटी २
वर जब कटी न बताया वि स्टएन पर उसे छिदां करल कोई नहीं
সাদা খা রী তই পাহর ভা । वे कटी से सुन चुके थे कि मिसेज
सत्यद्ध़ और उनकी लड़की उस दिन घर आ गई थी। उहनेि निष्फप
निकाला कि दम्पति मे भगडा हुआ है। कटी शायद कारण रही हो ।
मिसेज सदये द्र की मलत फहूमी के लिय कमरेम काषी प्रमाणा रहै
हाग। मि सबसेना ने भन ही मन एक निखय किया । मिते सत्येद्र
से मिलने का और गलत फ्हमी दूर रने ढा ।
তাল বশী से सत्वेद्र की काठी जा पता और टर्विफान नवर*
मालूम क्या | वितु वहा पच तो राठी बद मिली । आस पास पूछ
ताछ करनं पर श्रौर फिर टपिपान नदुरेकश्नी में उसके ग्ाफ्सि छा
पता वगा । श्राफित्ि यट नही उना অনার্নি भिसेज मर्ये काटी के
अलावा और कहाँ हा सती हैं। मि सक्सत। श्रसपन হান लौट।
कटी समभ गई 1 ह
फकी को झफ्सास रहा वि बटी पहुत दर जा रही है। उनस ता
वह तुरत ही ह| गई थी । क्लफत्ता प्रस्यान व॑ दितर ता वह करके
गते लगयर फूट पड़ी। कटी भी रात थगी । ट्रेन की बविदकीम वहं
पमी का हिजता हुआ रमाल देसती रही भौर फिर ।
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