पाश्चात्य समीक्षा-दर्शन | Paschatya Samiksha-Darshan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
586
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय-सूची
पहला खड
(१ ) यूनानी समीक्षा १-५५
प्लेटो का पूर्वेकालीनत युग--( ८ वी शताब्दी ई० पु० )
प्राचीन सम्यता का केंद्र युतान जिनासावृत्ति-ववतृत्वकला की मुख्यता-
यूनान के सोफिस्ट-गौगिमस ( ४८३ ३७६ई०पू० )--इसोक्रैतीस ( ४३६
३ ८६० पू० )-प्राचीन समीखाशास्त में बवनुत्वकला-काव्य-रचना में दवी
प्रेग्णा-होमर (८ वीं शताब्दी ई० पू०)--द्ेस्िओद (८ वी शताब्दी ई०पू )-
गिडार (५१८ ४३८ ई०पू०)-गोगिबस--अरिस्तोफनोस (४५० ३८५ई०प०)।
अरिस्तोफनीस के माठक। १ १४
प्लेटो (४२७-३४७ ई०पू०)
दी प्रेरणा से आविभू त कविता-कविता पर पहला आाक्षेप-क्विता
पर दूसरा आक्षेप-कविता अनुकरण का अनुकरण--श्रेष्ठ कविता का
विरोधी नही। का-य का वर्गीकरण-द्रैजेडी और कामेडो-काब्य का उद्दे श्य-
कक््तृत्वकला का विश्ेषण-आलोंचक के लक्षण-प्छेटो की देन॥ १४ २५
(.अरिस्टोटल ( ३८४-३२३ ई० पृ० )
“77 पारवात्य काव्यशास्य কা সি को कविता सत्य से दूर-
अरिस्टोटछ को नयो व्याख्या- अनुकरण” का अथ-कविता और इतिहास-
सौदय कौ प्रतिष्ठा-कान्य का प्रयोजन-कलायो का वर्गीकरण-नाटक भौर
उसके भेद-द्रं जेडो को उत्पत्ति-द्ंजेडे का जमदाता एस्किछस (५२५ ४५६
ई०पू०)- सोफीवलीस ( ४९६ ८०६ ई० पू ० )-यूरिपाइडिस (४८० ४०६
ई०१०)-ट्रेजेडी को परिभाषा-द्र जेडी की विशेषता-द्रैँजेडो में कायतत्व-
ट्रजेझे के तत्व-कथानक-चरित्रचित्रण-पदवि-यास-विचारतर्ब-दृश्यप्रदर्शव-
संगात तत््व-कॉमेडी की उत्पत्ति-कॉमेडी नाटककार-कामेडी में हीनतर
चित्रण-महावाब्य-महाकाय और ट्रजेडो-अरिस्टोटल की काव्यशात्त
को देन । २६ ४७
৬পার্দাআাহনন (-२१३-२७३ ई० )
तत्कालीन साहित्यकारों वो शला-काव्य की आत्मा उदाततता-वया
औटठात्य कला है ?-औदात्य के स्रोत-साहित्य को अवनति-कवि का व्याक्तित्व
साहित्य वो उल्ृष्टता का मानदण्ड-ल्ाजाइनस एक वैचारिक समीक्षक।
নি । ৪৫ ২৯
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