51 महान आविष्कार | 51 Mahan Aavishkar

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : 51 महान आविष्कार  - 51 Mahan Aavishkar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about राजेंद्र कुमार राजीव - Rajendra kumar Rajiv

Add Infomation AboutRajendra kumar Rajiv

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
एक्सरे का आविष्कार ~ ॥ ८ (६४ ঠা ১, न < রে र मे টা ২২ ९२, र ६. 1. ৯. + एकम ₹ के आविष्कारक विल्देम कानराड रजन एक्सरे मशीन द्वारा चद मिनटों मे ही शरीर की हड्डियो की टूटफूट या दूसरे किसी रोग का चित्रण हमारे सामने आ जाता है। उस समय हम यह सोच भी नहीं पाते कि शरीर के अदर झाकनेवाले चिकित्सा-विज्ञान के इस अभिन्न अग का आविप्कार किसने व किस प्रकार विया था) इसका आविष्कार चिकित्सा विज्ञान मे एक क्रांति के रूप मे हुआ। इसकी कहानी किसी अन्य वेज्ञानिक आविष्कार से कम रोचक नही है। इसके आविष्कार का प्रारम्भ सन्‌ 1895 ई के दिसम्बर महीने मे हुआ। इन किरणो का आविष्कार जर्मनी के एक पचास वर्षीय वैज्ञानिक विल्हेम रन्जेन ने किया था। उन्होने इस आविष्कार का प्रदर्शन वार्जवार्गं के भोत्िक ओर चिकित्सा -विज्ञान के कुछ वैज्ञानिको के सामने किया। विल्हेम रौन्जेन का जन्म जर्मनी मे पुसिया केलेनय नामक स्थान पर सन्‌ 1845 मे हआ था। उनके पिता एक कृषक थे। उनकी मा डच महिला थी। रोन्जिन की प्रारम्भिक शिक्षा हालैंड तथा उच्च शिक्षा स्विट्जरलेंड के जूरिख विश्वविद्यालय मे हुई। जूरिख विश्वविद्यालय म उन्हे डाक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया गया। अब वे वार्जवार्ग वापस आ गए थे। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों मे अध्यापन कार्य किया। 1885 ई मे उनकी नियुक्ति वार्जवार्ग विश्वविद्यालय मे भोतिकशास्त्र के अध्यापक पद पर की गई। इन्ही दिनो एक अग्रेज वेज्ञानिक सर विलियम क्रूषस माइकेल फैराडे के गैसो मे विद्युत विसर्जन के प्रयोगो मे और अधिक सुधार लाने के प्रयत्न कर रहे थे। फैराडे तरल तथा ठोस पदार्थों और गैस जैसी प्रत्येक चीज पर विद्युत के प्रभावों का प्रयोग कर चुके थे। अब वे वायुशुन्य पात्र मे विद्युत का प्रभाव देखना चाहते थे, लेकिन वायुशून्य करने के लिए कोई अच्छा पात्र न मिल सकने के कारण उनके प्रयोग अधूरे रह गए। क्रक्स ने काच की एक नली लेकर उपमे दोतार प्रविष्ट कराए तथा परम्प द्वारा वायुशून्य कर दिया। उन्होने दोनो तारो के वीच उच्च विभवातर की विद्युत-धारा लगाई। इससे नली के अदर लगे तारके ऋणात्मक छोर से एक प्रकार की किरणे निकली । इन्हे विलियम क्रक्स (1832 1919) अपनी कैथोड ट्यूब के साथ 15




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now