रेखांकित भारतीय इतिहास | Rekhankit Bhartiya Itihas

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Rekhankit Bhartiya Itihas  by संदीप कुमार शर्मा - Sandeep Kumar Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वैदिक काल में सर्वप्रथम दास-प्रथा प्रारम्भ हुई। दास शब्द दस्यु से व्युत्पन्न है जिसका प्रयोग शत्रू कै लिए होता था। वैदिक काल में आर्य शब्द का अर्थ विदेशी या अजनबी था। कालान्तर मेँ आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठजन हो गया। आर्यों का मूल निवास-स्थान भारत का सप्त-सिंधु प्रदेश है । अथर्ववेद में अनाजजिलने के लिए दासियों के संबंध में रोचक सूचनाएं हैं। अग्नि एवं बृहस्पति देवताओं में ब्राह्मण थे । इन्द्र, वहण और यम देवताओं में क्षत्रिय थे। वसु, रुद्र, विश्वे-देव एवं मारुत विश्‌ थे। ঘুসা হুর ধ। प्राचीन ईरानी ग्रंथ अवेस्ता और ऋग्वेद एक-बूसरे के अत्यंत समीप हैं । स्वर्ग के देवता सूर्य, उस (उषा) तथा वरुण हैं। पार्धिव देवता-अग्नि ओर सोम। अन्तरिक्ष के देवता हैं-रुद्र, वायु, इन्द्र (सर्वाधिक शक्तिशाली) । हिन्दुओं में प्रमुख देवता विष्णु हैं। ब्रह्मा-विष्णु-महेश (शिव) त्रिदेव बने । अथवविद में जादू-टोनों एवं मन्‍्त्रों का वर्णन है। वेद सबसे प्राचीन हैं। अथर्ववेद सम्भवतः वैदिक मणो ने त्वा, वैदिक साहित्य ओर ऋग्वेद में नाट्य तत्त्व पाये जाते हैं। अथवविद में प्रचुर चिकित्सा संबंधी सामग्री है। अथर्ववेद में शल्वसूत्र का नियम रोचक है। वैदिक काल में-सूर्य, चन्द्रमा, ग्रहों और संपूर्ण तारा मण्डल का ज्ञान था। वर्ष-12 माह में, प्रत्येक माह 30 दिनों में विभकत था। प्राचीन ग्रन्थ हैं-रामायण एवं महाभारत | रामायण में 24 हजार श्लोक हैं। महाभारत में एक लाख इलोक हैं। वैदिक काल में-वेदियों को नापने की विधि ज्यामितीय आकृति की निर्माण्य लिपि, परिकलन की परिष्कृत प्रणालियां स्पष्ट हैं। संहिताओं से स्पष्ट है कि उस समय नेत्र, हृदय, फेफड़े तथा त्वचा रोशों स्तपः उसके निदान से चिकित्सक परिचित थे। वेद चार हैं- (क) ऋग्वेद ऋचा ( सामवेद मत्र




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