रसिक - रसाल | Rasik Rasal

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Rasik Rasal by कंठमणि शास्त्री - Kanthmani Sastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १* ) कुमारमणि ने अपना पाद्चमोतिक देह कब छोड़ा, इसका निश्चित काण ज्ञात नदो हु्य। दै । दो, सं० १५७६ में उनकी हस्तलिखित, पूर्व वशित प्रम्तक से उनकी इस समय तक की स्थित्ति मे कोई सन्देह नही रहता । कबि के समकालीन ओर पूर्वर्ती कुछ कवि #*विकुमारमरि-क्ृत 'रसिक रसालः ग्रन्थ के दोप-प्रकरण मे कुछ हिन्दी के कवियों के उदाहरण दिये गये हूँ, जिससे मानना पडेगा कि वे कचि कुमारमणि के समकालीन अथवा पूर्वैवती थे । यह प्रथम दी कदा जा चुका दै कि रसिक रसाल की पूर्ति स० १७७३ में हुई है। इस आधार पर जिन कवियों के नाम नीचे लिखे जात दै, उनका समय ( कविता-काल ) इसके पूर्व ही सिद्ध होगा, अधिक से अधिक ग्न्थ-रचना के समय तक उनको प्रसिद्ध मानी जा सकती है। निम्नलिखित कवियों के समय-निर्धार के विपय में हम मिश्नवंधु-विनोद के आधार पर उनका समय देते हैं--जिसमे कुछ कवियों का समय रसिक रखाल' की पूर्ति के बाद आता है। दस कद नदी सकते कि सिश्न-चंधुओ का दिया हुआ समय ठीक है अथवा नहीं। संभव है, एक ही नामघारी दो कवि हुए हों, जिनमें एक का उदाहरण 'रसिक रसाल' मे दिया गया हो और दूसरे का पता विनोदकार को लगा हो, परन्तु जहाँ तक निश्चित्त है रसिक रसाल' से नामोल्लेख होने से विनोद्‌! के प्रदत्त समय का सुधार होना चाहिये । उक्त कवियों की नामावली इस प्रकार है--




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