श्री सती चंदनबाला चरित्र | Shree Sati Chandanbala Charitra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
92
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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| ख्याल
मरवा कर मेरा पती राज दिनबाया।
` कृम्बरतं वतां क्या तेरे हाथ में आया ॥
अब जा अपने घर बेठ बिघन करवाया ।
मुझ पतित्रता नारी को आन सताया ॥
जवाव सेनापति का
क्यों प्यारी ऐसी कड़वी बात बनाओ।
पापी लम्पट क्यों नीच अभे दतलाओ्रो ॥
में खोदूं तुम पर जान मान मत लाओ।
घुड़की दे दे कर प्यारी ना तरसाओं ॥
क्यों जले हुए पर प्यारी नमक लगांशो ।
अब चुपकी होकर मुझ से प्रीवत बढ़ाओ॥
जवाब रानी का ( बहर तवोल )
तूने अच्छा किया या बुरा ही किया ।
ये हमारे ही कमों ने बदला लिया ॥
कष्ट इतना जो लाकर के तूने दिया।
जा चला जा शुकल अब दिखाना नहीं ॥
जवाब सेनापति का
लाख कहती रहो अब स्या मांनू गा में ।
सर हथेली पे द है मरना उठानूगा में |
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