बुद्ध पूर्व का भारतीय इतिहास | Buddh Purv Ka Bhartiya Itihas

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Buddh Purv Ka Bhartiya Itihas  by श्यामबिहारी मिश्र - Shyambihari Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूगोल एवं धन्य जानने योग्य घतं ३ देशी मारत में प्रायः ७०० रियासतें हैं. जिनमें हैदराबाद, बड़ौदा, मैसूर, ग्वालियर, कदमीर) उदयपुर, द्रावंकोर, इन्दौर, जयपुर, पटियाक्ञा, कोल्दापुर, जोधपुर, भरतपुर, भूपाल, भाडनगर अलवर, रोषा, धाद को प्रंधानता है।इन रियासतों फो अन्तरंग शासन में बहुत करके स्थतंत्रता प्राप्त है किन्तु ये बाहरी रियासतों से सन्पि श्रिप्रद जादि नदी रर सन्ती) मुख्य प्रा्स्तों एवं रियासतों फा प्लेत्रफल तथा प्तन्‌ १९३१ की जनसंख्या नीचे दी जाती ६ै-- नाम प्रान्त या स्यासत | रकया वर्गमीलों में ध की <= विदार उदीसा .. | ८३, १८१ ३,७६,७०६,५७६ घंपई सिंध... | ९२३,०६५४ २,१८,५४,८४१ मध्यदेश धरार ... | ८१,३९९ १,५५,०७,७२३ मद्रास ... | १,४२,३३० ४,६५,७५,६७० বসান >>». | ९९,७७९ २,३५,८०,८५२ युक्तप्ान्त ... | १,०५,२६७ ४,८४,०८०६३ देशी सियासत ... | भारत का प्रायः २/५ | ८,१७,१३,७६९ योग भारत का | एट०रदशण - (३द.व्व्रष०रन्य देशी भारत फैलाब में मारत का प्राय: | है और जनसंख्या में ३। समस्त मारत फा पैलाव १८ लाख वर्गमील उपर लिंखा जा चुफा है | इसमें से ७,०९,५५५ वर्गमीलों में देशी रियासत हैं |




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