देश दर्शन | Desh Darshan

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)-- कील... পিস
राजसमन्द उदयपुर से प्रायः ३६ मील उत्तर-पूष
की ओर है । कांक्रोली से यह ठीक उत्तर की ओर है।
यह तीन पीछ लम्बा और डेढ़ पील चौड़ा है। इसका
सेत्रफल २ वग मील से उपर है । इसमें १६१५ वग मोल ,
भूमि का वपां जल बह फर आता है । यह भील भी बांध
बनाकर तयार की गई । इस बांध को दक्षिणी पश्चिमी
सिरे पर राना राजसिंद्र प्रथम ने १६६२ और १६७६ ३०
के बीच में बनवाया था| इस बांध को अकाल पीड़ित
छोगों की सहायता के लिये प्रजावत्सल राना ने बनवाया
था। उस समय संसार के बीच उन्नत से उन्नत किसी
देश ने बजा को अकाल से बचाने के लिये बांध बन-
वाने की बात नहीं सोची थी इस प्रकार संसार भर
में अकाल पीड़ित लोगों की सहाताय बने हुये बांधों
में यह बांध सब से पुराना हे। इसके बनवाने में एक
. करोड़ रुपये से अधिक व्यय हुआ । सब भागों को
मिलाकर यह बांध लगभग ३ मील ढम्बा है। यह
पड़ोस के राजनगर के सफेद परस्थर की खानों से निकरे
हुये पत्थर से बनाया गया है। सामने पानी के वल
तक उतरने के लिये पत्थर की सीढ़ियां बनी हुई हैं।
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