भारतीय ज्योतिशास्त्र में आचार्य वराहमिहिर का योगदान | Bharatiy Jyotishastra Men Achary Varahamihir Ka Yogadan

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Bharatiy Jyotishastra Men Achary Varahamihir Ka Yogadan by गिरिजा शंकर - Girija Shankar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १४ 2 ज्यौत्तिषशास्त्र परम गहन शास्त्र हैं। इसके चार ढाल बताए जाते हैं । यथा - च्तुदलत् तु ज्योतिषम्‌ु । इस शास्क्रपी महासमुद्र को कि मृनियौ के अतिरिक्त मतुड पार करते में लससमथे है । देवयोगवश, ग्रह स्थितियाँ के कारण अथव गुरकनों रूवे स्वजनों की कृपा से मेंने यह दुड् प्रयास किया है । फिर मी बद्धि की बद्ञाामान्य्तावश वो कमी रह गयी हो, उसे मनीअीबन दझामा शि पि




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