भारतीय ज्योतिशास्त्र में आचार्य वराहमिहिर का योगदान | Bharatiy Jyotishastra Men Achary Varahamihir Ka Yogadan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
86 MB
कुल पष्ठ :
285
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १४ 2
ज्यौत्तिषशास्त्र परम गहन शास्त्र हैं। इसके चार ढाल
बताए जाते हैं । यथा - च्तुदलत् तु ज्योतिषम्ु ।
इस शास्क्रपी महासमुद्र को कि मृनियौ के अतिरिक्त मतुड
पार करते में लससमथे है । देवयोगवश, ग्रह स्थितियाँ के कारण अथव
गुरकनों रूवे स्वजनों की कृपा से मेंने यह दुड् प्रयास किया है । फिर मी
बद्धि की बद्ञाामान्य्तावश वो कमी रह गयी हो, उसे मनीअीबन दझामा
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