भारतीय भाषाओँ में विज्ञानं लेखन | Bhartiya Bhashaon Main Vigyan Lekhan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(>>) (5) (10) भारतीय भाषाओं में विज्ञान लेखन इस महापरिषद्‌ की सदस्यता ऐसी प्रत्येक संस्था एवं समिति के लिए खुली है जो किसी भी मान्य भारतीय भाषा के माध्यम से जनसामान्य में वैज्ञा- निक ज्ञान के प्रसार एवं वैज्ञानिक मनोदृत्ति के उदय (प्रचार) का कार्य कर रही हैं । “भारतीय विज्ञान साहित्य महापरिषद्‌' द्वारा अपने उहँश्यों की पूर्ति के लिए दो पत्चिकाओं का प्रकाशन किया जाएगा । पहली पत्रिका विज्ञान संगम' द्वैमासिक होगी, जिसमें सभी भारतीय भाषाओं से चुने गये सर्वोत्क्ृष्ट वैज्ञानिक लेखों, विज्ञान कथाओं आदि के हिन्दी अनुवाद प्रकाशित होंगे । इन प्रकाशित रचनाओं के साथ इनका अंग्रेजी सारांश भी होगा । दूसरी पत्रिका विज्ञान संक्षेपिका' त्रेमासिक होगी और इसमें हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में छपे सभी वैज्ञानिक लेखों के सारांश छर्पेंगे । इन दोनों पत्रिकाओं के संपादक मंडल में सभी मान्य भारतीय भाषाओं से कम से कम एक विज्ञान लेखक होगा। इस प्रकार हर भाषा का संपादक (अपनी परिषद्‌ द्वारा मनोनीत) अपनी भाषा के सर्वोत्कृष्ट लेख के चयन, अनुवाद तथा सारांश की तैयारी के लिए उत्तरदायी होगा । संपादक मंडल के प्रत्येक सदस्य को उचित मानदेय दिया जाएगा । इस महापरिषद्‌ को सदस्यता সাম समस्त वैज्ञानिक समितिर्यां अपने प्रकाशन विनिमय के रूपमे अन्य सदस्यों को भेजेगी । ये समितिर्यां अपने क्षेत्र में प्रकाशित/उपलब्ध पत्र-पत्रिकाओं में छपी वैज्ञानिक रचनाओं की प्रतिलिपि व कतरनें संपादन मण्डल को उपलब्ध करायेंगी । विभिन्‍न पत्न-पत्निकाओं में स्तरीय विज्ञान साहित्य के प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए यह महापरिषद्‌ 'भाषाई विज्ञान फीचर सेवा' शुरू करने का काम प्राथमिकता के आधार पर करेगी । इस महापरिषद्‌ के वाषिक अधिवेशन प्रतिवर्ष अलग-अलग भाषाओं की वैज्ञा- निक समितियों के तत्वावधान में आयोजित किए जायेंगे। आगामी वर्ष की आयोजक समिति का निश्चय प्रत्येक वाषिक अधिवेशन में कर लिया जाएगा । आयोजक समिति आगामी वर्ष के लिए नयी कार्यकारिणी के नाम प्रस्तावित करेगी और इस प्रकार चुनी गई कार्यकारिणी प्रत्येक वाषिक अधिवेशन के अन्त में कार्यभार ग्रहण करेगी । प्रस्तावक---डॉ० शिवगोपाल मिश्र




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