मणिबहन पटेल के नाम | Manibahan Patel Ke Naam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बापूकी सेवा करना और तुम ` ायो-बहनके बरे भुनकी
चिन्ताको कम करना ।
गुजराती दिन-प्रतिदित सुधारना । ध्यानपूर्वक तवजीवन ' पढ़नेवाले
अपनी भुजराती अच्छी कर सक्ते है ।
मैं मंगलवार १२ तारीखको अहमदाबाद पहुंचूगा। बापूकों खबर
देना आर कहना कि मुके आशा है कि जिस बीच अन्होंगे खूब रुपया
जमाकर लिया होगा ।
मोहनदासके आशीर्वाद
चलि० भमणिबहन,
ठि० बैरिस्टदर बल्लशभाओ,
भद्र, अहगदाबाद
नम्बजी,
गुरवार
( १६-६- २१)
चि० मणि,
तुम्हारा पत्र मिल्रा। मैंने काका (विदृठलभाभी)को आुससे पहुले'
ही कह दिया है कि हमें गिरना है। थे पूता जा रहे है। हम जकूर ही
भिलेंगे। मिलनेके बाद जो होगा बहु छिखूंगा। बमभ्बभीकी वया गंवगी'
तुमने मानी है, वह मुझे बताता। तुभ निर्दिचन्त रहता। में काकासे
पूरी बातें करतेवाला हूं।
শপ পা সপ পি
१. तिलक स्व॒शाज्य कोषका।
२. स्यै० माननीय विद्ृठक्भाओ' पदेल। पुूं० बापुके बड़े भाजी।
३. जुम सभयं वम्बजीे विदेशी कपडेकी बहुत बड़ी होली १०
बापूजीके हाथों फी गंभी थी। जुध सम्बन्ध्म यहु अफवाहू सुत्ती गली थी
कि कपड़ेका ढेर बहुत बढ़ा बतातेके ভিত লীন देववर ससे रष दिये
गये थे । ।
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