भगवान् आदिनाथ | Bhagvan Adinath
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
194
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand){ १३)
« '्रे !।! रानी का रोम रोम नाच उठा। श्रपने आपको
प्रम्हालती हुई रानी ने पून पूा-किन्तु ्रापको कंपे ज्ञात होग्वा
कि र. 1 „+
~ নী? জব অব নমল কে ই ই वैसे ही मनि उसका
स्वप्न-निमित्त-ज्ञान के द्वारा जान लिया
मँ अच्छी तरह न सम सकी ।'
न्तो क्या एक, एक, को समाना होगा ?
हाँ स्वामिन ।'
'तो सुनो ! ऐरावत हाथी देखने से उत्तम पुत्र होगा। उत्तम
वैल देखने से समस्त लोक मे उच्च होगा । स्ह देखने से अनन्त
वलशाली होगा! मालाओो के देखने से समीचीन धर्म का चलाने
वाला होगा ।
श्रे 71
'सुनती जाओ लक्ष्मी को देखने से सुमेर पवेत प्र देनो
द्वारा अभिषेक को प्राप्त होंगा। पूर्ण चद्धमा को देखने से समस्त
'प्राणियों को आ्ानत्द देने वाला होगा । भूयं देखने से देदीप्यमान
'प्रभा का धारक होगा। दो कलश देखने से अनेक निधियों का
स्वामी होगा।
1 ओश्चये 1!
भोली ! इसमे श्राश्चर्य की क्या बात है। वह तो
पुण्यशाली है ही पर तुम प्रपने भ्रापको न्षी तो देखो कि जिसकी
कुक्षी मे ऐमा पुष्वात्मा अवतरित हुआ है ॥
श्यां ` ओह रानी फिर प्रानन्द सागर मे नहा गई।
1... तो मैंतुगहे वता रहा था * श्रागे नुतो. युगल मछलिया
| देखने से चुद्ली होगा । सरोवर देखने से अनेफ लक्षणों से चुमोभित
' होगा। समुद्र देखने से केवली होगा। सिहातन देजने से जमत का
भ्रुरू होगा, জাত को प्राप्त होगा । देवो का विमान देखने से
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