महान एडिसन | Mahan Aviskarak Edison
श्रेणी : विज्ञान / Science
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
176
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घर पुराता और तया १७
है । मिचीगंत मे कुछ समय तक कभी यहां भर कभी वहां रहते
रहने के बाद अन्त मे वह ओहियो राज्य स्थित मिलान तगर में जा
पहुंचा ।
२
मिलान हुरोन नदी के किनारे बसा हुग्रा एक छोटा-सा नगर
था, जो ईरी भील से कुछ ही भील दूर था। एक छोटी-सी नहर
इस गांव से हरोन नदी के उस भाग तक जाती थी, जिसमे जहाज
और नावे चल सकती थी। इस नहर से होकर मिलान से गेहूं,
सब्जियां, लकड़ी तथा श्रन्य सामान से भरी हुई नावे ईरी कील
के किनारे बने हुए बन्दरगाहों तक जाया करती थी। संमुएल एडी-
सन ने मिलान में एक आरा मजीन लगा ली और वहां छत बनाते
के काम मे आने वाली लकड़ी की पट्टिया तैयार करने लगा। उसका
व्यवसाय पनप उठा ।
नहर से थोड़ी दूर गली मे लाल ईंटो का वना हुआ एक मकान
था, जिसकी छत लकड़ी की पट्टियो से वनी हुई थी । इसमें सामने
की ओर ड्योढ़ी न बनी हुई थी। जमीन से दो सीढ़ियां चढ़कर
लकड़ी का बना सुख्य द्वार श्रा जाता था और उसके ऊपर तिरद्े
ढंग से तीन शीशे जड़े हुए थे । इस दरवाजे के दोनों श्रोर खिड़-
कियां थी, जिनसे कमरो मे प्रकाश जाता था। सीधी खड़ी छत में
ऊपर की ओर कोई रोशनदान न था, परन्तु सोने के कमरे में लक-
ड़ियों की वनी पट्टियो की छत के तीचे थे। इन कमरों में दो-दो
छोटी-छोटी खिड़कियों से रोशनी श्राती थी, जो मकान के प्रत्येक
तिकोने नुवकड़ पर वती हुई थी। मकात के नीचे एक छोटे-से तह-
User Reviews
No Reviews | Add Yours...