आर्य सत्याग्रह | Aarya Satyagrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
366
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[{ क |
खनाना भी कोई अपराध नदीं हे । पुलिस का यद कहना सरासर
भूरठ दै किं यदि वह वहां प्रबन्धन करती, तो वहां श्रशान्ति
पैदा हो जाती। वहां खुफिया पुलिस के सिपाहियों के कोई
ओर प्रबन्धन था शीर न कोई वहां मुसलमान ही था। अस्ती
घटना को इस रूप में पेश करना मुसलमानों को उत्तेजना देना
हे । पुलिस की यह दुर्नीति विचारणीय है।-चह आर्यसमाजियों ` `
पर इसे भकार मिथ्या अभियोग लगाकर उनके शान्तिमय प्रचार
फो -रोकना चाहती है । पुलिस की इस साम्प्रदायिक और
पक्तपातपृ नीति की वजदसे दीर्गः दमे की पैरवी नह -
करना चाहता और न उसमे - भाग हयी लेना चाहता हं । इस
मवस्था में न्याय की आशा करना व्यथे है। मेँ हर मुसीबत और
आफ़त को सहन करने को तय्यार हूं। मुकदमे से हाथ. खींचते--
हुये ईश्वर से मेरी यह “माना है कि बह पुलिस को सद् वुद्धि
आर मुके सच मुश्किलों को सहन करने की शक्ति प्रदान करें |”
न्याय-का नाटक पूरा होकर एक वष को नेकचलनी की जमानत -
सांगी गई, जिसे न देकर आपने जेल जाना ही मंजूर किया ।
१३ अक्तूचर १६३८ को पं० नरेन्द्रजी को 'भी गिरफ्तार करके -
मन्नानूर में कालेपानी भेज दिया गया। वास्तचिक सत्याग्रह यहीं
से शुरू होता है; जिसका प्रारम्भ निज़ाम राज्य में वहां के ही
आयेसमाजियों द्वारा किया गया था । ह
आये सत्याग्रह का वीजारोपण किस प्रकार हुआ/--इसकी `
चर्चा यथास्थान की गई है। :लेकिन, -छुछ . महत्वपूर्ण घटनाओं
की चंच অন नहीं की जा सकी । यहां -उनका संक्षेप में उल्लेख. :
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