चारु - चयन | Charu - Chayan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
74
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ६ )
रुपांदे रु सल्लिनाथ सेह वे विख्यात भये,
जाकी जात पसिबे को दुनी सब आई हे ।
वावा श्री गसांई ताकी महिमा थर देश मांहि,
वाही के प्रसाद् इन परम सिद्धि पाई है ॥११॥
रामदेव धारू मेहो उगससी रणसी हू,
हभ आदि साघु एते परेम भक्ति बीधे हैं ।
तोलादे जेस कच्छ देश में कहाये पीर,
कुलुद्दीन धीरशाह याही राह गीधे हैं ॥
केते नरनारी सोग सोक्ष अधिकारी भये,
केतेहू संसारी अृद्धि सम्पत्ति में रीधे हैं ।
ऐसो अत्तिधार् परम गहन अपार पन्थ,
ताके मग छागि के अनन्त साध सीधे हे ॥१२॥
इनमें कई एक ऐसे भक्त भी गिनाये गये हैं निनके
नाम, धाम और काम अवतक. अज्ञात हैं | किन्तु यह सब
कुछ कहने पर भी सुनाई न हुई জন तीसरे प्रकरण में
माधवराम ने स्तुति, महिसा ओर शिकायत तौनों का मिभ्रण
कर दिया। पह़ुकर अनुभव कीजिये थी। मिश्री ओर
गिलोय तीनों का मिलान है ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...